गंगा को निर्मल बनाने की तैयारी, टीम ने किया निरीक्षण
डलमऊ (रायबरेली) : गंगा का जल अब अमृत होगा। जलीय जीवों पर प्रदूषण के कारण मंडरा रहे स
डलमऊ (रायबरेली) : गंगा का जल अब अमृत होगा। जलीय जीवों पर प्रदूषण के कारण मंडरा रहे संकट के बादल छंट जाएंगे, क्योंकि अब गंदे नालों का पानी गंगा जल को दूषित नहीं करेगा। मोक्षदायिनी प्रदूषण मुक्त हो, इसके लिए बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। नदी में गिर रहे नालों का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही प्रदूषण की जांच के लिए पानी का नमूना लिया गया। इसे परीक्षण के लिए लैब भेजा जाएगा।
प्रयागराज में आयोजित होने वाले आगामी कुंभ स्नान को देखते हुए गंगा में गिर रहे नालों को रोकने की कवायद शुरू हो गई है। डलमऊ नगर पंचायत क्षेत्र में कुल नौ गंदे नालों का बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण कर गंगा व गंदे नालों के पानी का सैंपल जांच के लिए भरा। सैंपल जांच के बाद नालों पर जलशोधन प्लांट लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जांच में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण अधिकारी एसके शुक्ल ने बताया कि पानी की जांच होने के बाद यह पता चलेगा कि गंगा में गिर रहे नालों का पानी कितना दूषित है। इसके बाद पानी शोधन के लिए प्रयास किए जाएंगे।
जलनिगम के अवर अभियंता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि डलमऊ में नौ नाले गंगा में गिर रहे हैं। नालों का पानी गंगा में न गिरे इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बजट आवंटित होते ही नालों के पानी को रोकने की कवायद शुरू की जाएगी। डलमऊ नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ ने कहा कि गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने में पूरा सहयोग दिया जाएगा। इस मौके पर शुभम गौड़, शोहराब अली, घनश्याम जायसवाल आदि मौजूद रहे।
टीम में शामिल सदस्य
एसके शुक्ला सहायक पर्यावरण अधिकारी, एमएस सिद्दीकी, आरएस गौतम, दीक्षा, एई जल निगम संतोष कुमार दिवाकर, अवर अभियंता सुरेंद्र कुमार।