बछरावां में भीषण गर्मी में बिजली कटौती से लोग त्रस्त
रायबरेली : बछरावां क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए बनाया गया रोस्टर धड़ाम हो गया है। अघोषित कटौती के
रायबरेली : बछरावां क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए बनाया गया रोस्टर धड़ाम हो गया है। अघोषित कटौती के कारण जीना दुश्वार है। ट्रि¨पग पर भी अफसर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। दावे किए जा रहे थे कि एक और बिजली उपकेंद्र बनने के बाद समस्या खत्म हो जाएगी। इस दावों की पोल भी अब गर्मी में खुल चुकी है। बिजली की मनमानी कटौती से त्रस्त उपभोक्ताओं में आक्रोश है।
चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी ने लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर कर दिया है। ऐसे में सिर्फ कूलर, पंखे और ऐसी ही हैं जो गर्मी से बेहाल लोगों को राहत देते हैं। मगर, बिजली की अंधाधुंध कटौती से इन पर किया गया खर्च भी फिजुल साबित हो रहा है। आलम यह है कि क्षेत्र को महज आठ से दस घंटे बिजली ही मिल पा रही है। जबकि आदेश 18 घंटे बिजली आपूर्ति के हैं। बिजली न रहने से बच्चे बिलखते रहते हैं। बड़ों का भी हाल बेहाल रहा है। हाथ का पंखा ही एक सहारा बचा है। पहले सिर्फ बछरावां उपकेंद्र था। फिर विशुनपुर में उपकेंद्र बना। इसके बाद भी बिजली आपूर्ति सुधर नहीं सकी है। मौसम बिगड़ते ही गुल हो जाती है बिजली
कस्बे व आसपास के ग्रामीणों ने आपूर्ति व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। विशुनपुर गांव के विनय कुमार ने बताया की तेज हवाएं चलें या मौसम बिगड़ने के संकेत मिलें, तत्काल आपूर्ति बंद कर दी जाती है फिर दोबारा बिजली शुरू करने में ढिलाई बरती जाती है। लोगों के बार-बार शिकायत करने पर ही आपूर्ति बहाल होती है। यहीं के अंकुश चौधरी ने बताया कि लाइन में खराबी आने पर कई बार शिकायत करने के बावजूद कर्मचारी उसे बनाने नहीं आते। लाइनों में गड़बड़ी के नाम पर मनमानी कटौती बंद होनी चाहिए। अधिकारी अपनी कमी मानने को तैयार नहीं
बिजली उपकेंद्र विशुनपुर के जेई देवेंद्र कुमार ने बताया कि क्षेत्र में रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति की जा रही है। जब 132 केवी पावर स्टेशन से आपूर्ति बंद की जाती है। तभी क्षेत्र में आपूर्ति नहीं हो पाती है। लाइनों में खराबी की समस्याओं को तत्काल दुरस्त कराने के लिए कर्मचारियों को भेजा जाता है।