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ब्लोअर की गर्मी के बीच बंद कमरों में हाकिम, ठिठुर रहे आमजन

-बदहाल पड़े रैनबसेरे नहीं जल रहे अलाव -ठिठुरते हुए कट रहीं गरीबों की सर्द रातें

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 11:37 PM (IST)
ब्लोअर की गर्मी के बीच बंद कमरों में हाकिम, ठिठुर रहे आमजन
ब्लोअर की गर्मी के बीच बंद कमरों में हाकिम, ठिठुर रहे आमजन

रायबरेली : शुक्रवार की सुबह से ही अचानक मौसम बदल गया। आसमान में बादल छाए रहने के साथ ही ठिठुरन भी बढ़ गई। दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी हुई तो लोग जैकेट और ऊनी वस्त्र पहनने को विवश हो गए। वहीं, ठंड से राहत देने के लिए अब तक प्रशासन की ओर से कोई तैयारी नहीं है। शाम होते ही अधिकारी ब्लोअर की गर्मी के बीच बंद कमरे तक सिमट जाते हैं। वहीं, आमजन सुबह और शाम की सर्दी में ठिठुरने को विवश हैं। कई गरीब ऐसे हैं, जो सर्दी का सितम सहने को विवश हैं।

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कागजों पर ठीक, हकीकत से हैं दूर

जरूरतमंदों को अलाव जलने का इंतजार है। कंबल वितरण की कौन कहे, अबतक खरीद भी नहीं हो सकी। ऐसा सबकुछ जिम्मेदारों के ढुलमुल रवैए से हो रहा है। यह बात दीगर है कि कागजों पर सब ठीक होने के दावे किए जा रहे हैं।

शोपीस बनकर रह गए रैनबसेरे

शहर में बनवाए गए रैनबसेरे महज शोपीस बनकर रह गए हैं। जिला अस्पताल, डीएम आवास, स्टेडियम, इंदिरा गार्डन, जीआइसी के पास बने रैनबसेरों की अब तक किसी ने सुध नहीं ली। सुबह और शाम ठंड से बचने के लिए बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन समेत प्रमुख स्थानों पर अलाव नहीं जलने के कारण लोगों को होटलों का सहारा लेना पड़ रहा है। वर्जन

स्थाई रैन बसेरे चक धौरहरा और मुंशीगंज में संचालित हैं। चार अस्थाई रैन बसेरे बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, सुपर मार्केट और अस्पताल चौराहा पर बनाए जाएंगे। अलाव के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है।

डा. आशीष कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद


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