..एनटीपीसी की छठी यूनिट में अब भी सहम जाते हैं लोग
रायबरेली : एनटीपीसी हादसे को एक बरस पूरा हो चुका है। संस्थान की दुर्घटनाग्रस्त 6वीं यूनिट
रायबरेली : एनटीपीसी हादसे को एक बरस पूरा हो चुका है। संस्थान की दुर्घटनाग्रस्त 6वीं यूनिट में मरम्मत का काम अंतिम चरण में है। यूनिट को जल्द ही फिर से शुरू करने की तैयारी हो रही है। बावजूद इसके, यहां की आबोहवा में आज भी उस हादसे का खौफ साफ झलकता है। दर्द और दहशत के उस मंजर की कल्पना मात्र से लोगों की रूह कांप उठती है।
एक नवंबर 2017 को अपरान्ह करीब 3.30 बजे एनटीपीसी की नवनिर्मित 500 मेगावाट क्षमता की 6वीं यूनिट के ब्वायलर में तेज धमाके के साथ जलती हुई राख का गोला बाहर निकला था। उसकी जद में जितने भी लोग आए थे, सभी ¨जदा जल गए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है। आननफानन चारों ओर राहत और बचाव का काम शुरू हुआ। हादसे के बाद से पूरी रात एंबुलेंस और निजी वाहन भागते रहे। इसमें एनटीपीसी के तीन अतिरिक्त महाप्रबंधक समेत कुल 45 लोगों जान चली गयी थी। लखनऊ और दिल्ली के अस्पतालों में घायलों का महीनों इलाज चलता रहा। अभी भी गर्म राख से जख्मी हुए कई घायलों का इलाज चल रहा है।
स्वर्णिम यूनिट का ऐसा हश्र सोचा न था : एनटीपीसी की 6वीं यूनिट 500 मेगावाट की है। इसमें कामर्शियल प्रोडक्शन सितंबर 2017 में ही शुरू हुआ था। यहां अन्य पांच यूनिटें 210 मेगावाट की हैं। 6वीं यूनिट को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन खासा उत्साहित था। विद्युत उत्पादन शुरू होने के बाद सभी की निगाहें इसी पर टिकी रहती थी। अधिक से अधिक उत्पादन का सपना यहां से लेकिन दिल्ली तक देखा जा रहा था, जो कि एक नवंबर को एकाएक धाराशायी हो गया।
अफसरों-नेताओं का लगा था जमावड़ा, रिपोर्ट यहां नहीं आई
हादसे की सूचना पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके ¨सह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी डिप्टी सीएम डा दिनेश शर्मा, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता ऊंचाहार एनटीपीसी पहुंचे थे। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा एक पत्र जारी कर एक माह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। जांच टीम में भेल, एनटीपीसी, महराष्ट्र ऊर्जा ईकाइ और ऊर्जा मंत्रालय के एक-एक अधिकारी शामिल थे। हादसे को कई माह गुजरने के बाद भी यहां रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। लगभग तीन माह पूर्व दिल्ली में एक प्रेस वार्ता कर एनटीपीसी प्रबंधन ने ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न होने देने की बात कही थी लेकिन हादसे के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया था।
कोट
उस घटना को एक सबक के रूप में हमने लिया है। आगे किसी भी संस्थान में ऐसी घटनाएं न हो, ऐसी भावना के साथ एनटीपीसी आगे बढ़ रही है। जल्द ही दुर्घटना ग्रस्त यूनिट को पुन: उत्पादन के लिए चलाया जाएगा।
-बीके पांडेय, उप महाप्रबंधक एनटीपीसी