अलाव जले न बदली रैन बसेरों की तस्वीर, ठिठुर रहे लोग
रैन बसेरा में लटका ताला तो कहीं पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला
रायबरेली : पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का असर पड़ने लगा है। बर्फीली हवाओं के चलने से हाड़कपाऊ सर्दी में हर कोई कांप रहा है। इसके बावजूद अलाव जलाने में प्रशासन कंजूसी बरत रहा है। वहीं कुछ ऐसा ही हाल नगर पंचायत में बने रैन बसेरों का है। खुल तो गए हैं, लेकिन वहां जाना बहुत कम लोग ही मुनासिब समझते हैं। डीएम के निर्देश के बावजूद अफसर तनिक भी फिक्रमंद नहीं नजर आ रहे हैं। हाल यह है कि सोमवार देर शाम जागरण टीम ने पड़ताल किया तो कहीं पर ताला लटका मिला तो कहीं अव्यवस्थाओं का बोलबोला रहा। जिम्मेदार न ही उनके मातहत कहीं नजर आएं। हालांकि दावों पर पूरी तरह से खरे उतरने की बात जरूर कह रहे हैं।
ताला लगाकर कर्मचारी गायब तो दूसरे में अव्यवस्था
ऊंचाहार में समय देर शाम करीब 7:38 बजे का। प्राथमिक विद्यालय में बने रैन बसेरा में ताला लटका मिला। आसपास कोई कर्मचारी दिखाई नहीं दिया। पूछने पर कोई कुछ नहीं बता सका। वहीं बस स्टेशन परिसर में बने रैन बसेरे में ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। दोनों जगह ही सन्नाटा पसरा हुआ है। लखनऊ-प्रयागराज कस्बे पर पड़ने वाले कस्बे में देर रात आने वाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
रैनबसेरा बना आशियाना तो कहीं पर सन्नाटा
लखनऊ से सटे बछरावां नगर पंचायत बने रैन बसेरा में कुछ अलग ही दृश्य देखने को मिला। समय करीब 7:28 बजे का। यहां पर एक युवक खाना बनाता मिला। वहीं आसपास कुछ लोग लेटे हुए थे। उसके पास छोटे गैस सिलिडर होने साफ पता चलता है कि उसका यही ठिकाना है। 7: 28 बजे लालगंज नगर पंचायत के रैन बसेरा में सन्नाटा पसरा रहा। कुछ ऐसी ही स्थिति सलोन के सार्वजनिक शौचालय में बने रैनबसेरे की रही। यहां पर भी आसपास कोई नजर नहीं आया।
आखिर कब सुधरेंगे मातहत
सर्दी शुरू होते ही डीएम ने साफ लहजे में कह दिया कि कोई व्यक्ति खुले में सोता न मिले। उनके ठहरने के लिए पर्याप्त रैनबसेरा में व्यवस्था होनी चाहिए। जिले के आला अफसर के आदेश पर भी मातहत तनिक फिक्रमंद नहीं है। यह तस्वीरें साफ दिखा रही है कि सिर्फ कागजी कोरम पूरा किया जा रहा है।