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त्योहार का मौसम और जेब खाली, कैसे मनेगी दिवाली

रायबरेली नवरात्र के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। एक के बाद एक खुशियों का

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 12:03 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 12:03 AM (IST)
त्योहार का मौसम और जेब खाली, कैसे मनेगी दिवाली

रायबरेली : नवरात्र के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। एक के बाद एक खुशियों का पर्व आने लगा है। घरों में जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। दशहरा के बाद करवाचौथ, दीपावली, भइया दूज आदि प्रमुख त्योहार हैं।

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वहीं, कई विभागों में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक को वेतन और संविदा कर्मियों को मानदेय का इंतजार है। अब चिता इस बात की है कि आखिर इनकी दिवाली कैसे मनेगी।

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6350 रसोइयों को छह महीने से नहीं मिला मानदेय

जिले में 6350 रसोइया तैनात हैं। इनका मुख्य कार्य परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम बनाना है। इसके लिए हर महीने 1500 रुपये मानदेय दिया जाता है। छह महीने हो चुके हैं। अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। कई बार ज्ञापन भी दे चुकी हैं। बजट न होने का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया जाता है। जिला समन्वयक विनय तिवारी का कहना है कि परियोजना से बजट मिलते ही रसोइयों को खाते में भेज दिया जाएगा। दफ्तर के चक्कर में जेब हो रही खाली

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के तीसरे चरण में 48 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। 23 जुलाई का दिन हर किसी को याद है। इसी दिन उन्हें नियुक्ति पत्र मिला। इसके बाद विद्यालय आवंटन का इंतजार करते-करते तीन महीने होने को हैं। अबतक कुछ नहीं हुआ। यही नहीं, शैक्षिक दस्तावेजों के सत्यापन नहीं होने के कारण किसी महीने का वेतन नहीं मिला। ऐसे में उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। नवनियुक्त शिक्षकों का कहना है कि अभी तो नौकरी मिली है। हाजिरी लगाने दफ्तर रोज जाना पड़ता है। आने-जाने में ही हर दिन 150 से 200 रुपये खर्च हो जाते हैं। जल निगम से लेकर नगर पालिका तक में बजट का संकट

जल निगम से लेकर नगर पालिका की आर्थिक दशा बेहद खराब है। जल निगम में तो पांच महीने से कर्मचारियों ही नहीं, अधिकारियों तक को वेतन नहीं मिला। पेंशनर भी दफ्तर आते और पूछकर लौट जाते हैं। इसी तरह नगर पालिका में भी वेतन के लिए माथा-पच्ची करनी पड़ रही है। वर्जन

बेसिक शिक्षा विभाग में ससमय वेतन दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। 69 हजार शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में चयनित अभ्यर्थियों को अब तक वेतन क्यों नहीं मिला, इसका पता लगाया जाएगा। कोशिश रहेगी जल्द भुगतान हो जाए। रसोइयों के लिए भी पत्र लिखा जाएगा।

शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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