लीड::: घर में नजरबंद रहे किसान नेता, प्रशासन रहा सतर्क
रविवार रात से ही किसान नेताओं के घरों पर रहा खाकी का पहरा जिले के सभी रेलवे स्टेशन और क्रासिग पर तैनात रहा पुलिस बल
रायबरेली: कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को आयोजित 'रेल रोको आंदोलन' को लेकर प्रशासन सतर्क रहा। इस कारण किसान नेता जहां घर में ही नजरबंद रहे, वहीं रेलवे स्टेशनों व प्रमुख स्थलों पर पुलिस का सख्त पहरा रहा। प्रशासन का दावा है कि आंदोलन यहां बेअसर रहा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 'रेल रोको आंदोलन' का आह्वान किया था। इस कारण रविवार की रात से ही किसान नेताओं को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार उर्फ लाला चौधरी के मलिकमऊ स्थित घर पर रात में ही पुलिसकर्मी पहुंच गए। रेलवे स्टेशन परिसर समेत मधुबन क्रासिग, सुल्तानपुर रोड क्रासिग समेत चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ, जीआरपी और नगर पुलिस तैनात रही। एक साथ कई लोगों के आने-जाने पर रखी गई। प्रशासन का कहना है कि सख्ती के कारण कहीं भी रेल नहीं रोकी जा सकी और न ही किसान रेलवे लाइन तक पहुंच सके।
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किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता
लालगंज में रविवार की देर शाम से ही चांदा निवासी भाकियू ब्लाक अध्यक्ष योगेंद्र सिंह को घर में ही नजरबंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। दारोगा, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल उनकी निगरानी में लगे रहे। देर शाम तक स्टेशन परिसर समेत लालगंज-बछरावां, लालगंज-रायबरेली रेलवे क्रासिग, बहाई स्टेशन पर भी पुलिस का पहरा रहा।
डलमऊ में तहसील अध्यक्ष प्रमोद पटेल, मनोज यादव, अजमेर सिंह, सुशील यादव को पुलिस ने घर में रोके रखा। दोपहर बाद किसान नेताओं ने सभी पदाधिकारियों को मुराई बाग स्थित कार्यालय में बुलाया, जहां बैठकर रणनीति बनाई। भाकियू जिला महासचिव मनोज यादव ने कहा कि किसानों को पहरे में रखा जा रहा है।
वहीं, डलमऊ जंक्शन पर उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित, तहसीलदार अभिनव पाठक व कोतवाली प्रभारी पंकज त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। हरचंदपुर में किसान नेता राम कुमार एवं प्रकाश सिंह, बछरावां में शंकर रावत व पुष्पेंद्र पाल समेत शिवगढ़, डीह, छतोह में भी किसान नेताओं को नजरबंद किया