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रेल कोच कारखाना में कड़क मंत्री तो लोगों के बीच घर की सदस्य जैसी लगीं स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लालगंज रेल कोच कारखाना में वह मंत्री की तरह कड़क नजर आई तो परशदेपुर में भीड़ के बीच घर के सदस्य की तरह दिखीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 09:50 AM (IST)
रेल कोच कारखाना में कड़क मंत्री तो लोगों के बीच घर की सदस्य जैसी लगीं स्मृति ईरानी
रेल कोच कारखाना में कड़क मंत्री तो लोगों के बीच घर की सदस्य जैसी लगीं स्मृति ईरानी

रायबरेली (जेएनएन)। रायबरेली की सोलन तहसील में दाखिल होते ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अंदाज बदल गया। लालगंज रेल कोच कारखाना में वह मंत्री की तरह कड़क नजर आई तो परशदेपुर में भीड़ के बीच घर के सदस्य की तरह दिखीं। सबसे पहले महिलाओं के बीच जाकर उनकी हाल पूछा। इस दौरान एक महिला पैर छूने लगी तो मंत्री ने उसका हाथ पकड़कर लिया कहा पैर न छुओ हम आपकी बिटिया हैं। इस पर कुछ महिलाएं भावुक हो गईं। इससे पहले काफिला नगर में प्रवेश करते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। यहां मौजूद महिलाओं के आग्रह पर वह गाड़ी से उतरी काफी देर तक सबसे घुलीं मिलीं। 

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काफिला पहुंचते ही भव्य स्वागत

लंबे इंतजार करने के बाद सलोन की मंडी समिति से जब केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी का काफिला नगर पंचायत परशदेपुर के मेन चौराहे पर पहुंचा तो नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद कौशल सभासद शमसी रिजवी, आशू जायसवाल ,मुमताज, हसन गुलाम, कमल चन्द्र वैश्य, पूर्व विधायक गजाधर सिंह आदि ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया। चेयरमैन ने नगर के विकास के लिए अलग धन मुहैया कराने व परशदेपुर को आदर्श नगर पंचायत बनवाने की मांग की। इसके बाद केंद्रीय मंत्री का काफिला नहर कोठी पहुंचा। वहां पर  छतोह के ब्लाक प्रमुख सुखबीर सिंह ने सैकड़ों लोगों के साथ जोरदार स्वागत किया। ब्लाक प्रमुख सुखबीर सिंह ने मंत्री से क्षेत्र की समस्याओं को लेकर शिकायती पत्र दिया। 

मंत्री की उपेक्षा से मीडियाकर्मी आक्रोशित

रायबरेली लालगंज स्थित आधुनिक रेलकोच कारखाना का निरीक्षण करने के बाद कपड़ा मंत्री बिना मिले बिना जाने लगी तो मीडियाकर्मी आक्रोशित हो उठे। उन्होंने स्मृति ईरानी की कार रोककर नाराजगी जताई। साथ में हंगामा किया। एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने मीडियाकर्मियों को समझाने का प्रयास किया। कपड़ा मंत्री रेलकोच कारखाने का निरीक्षण करने लगभग 10.30 बजे पहुंचीं। जिला मुख्यालय समेत स्थनीय इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया से लगभग आधा सैकड़ा लोग वहां मौजूद थे। उन्हें कारखाने के कांफ्रेंस हाल में यह कहकर बैठा दिया गया कि यहीं मंत्री जी निरीक्षण के बाद प्रेस वार्ता करेंगी। लेकिन 11.44 बजे मंत्री को कारखाने के प्रशासनिक भवन से निकलकर गाड़ी में बैठकर जाता देख मीडियाकर्मी आक्रोशित हो उठे। पहले तो उन्होंने कपड़ा मंत्री की गाड़ी रोककर उन्हें सवालों के जवाब देने के लिए कहा। जब काफिला चला गया तो मीडियाकर्मी भड़क उठे। उन्होंने महाप्रबंधक पर कारखाने की खामियां छिपाने को लेकर मंत्रीजी से प्रेसवार्ता न कराने का आरोप लगाकर हंगामा किया। 

स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया की भी स्टील खरीदी जाए

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी पहली बार आधुनिक रेलकोच कारखाने का निरीक्षण करने शुक्रवार को लालगंज पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्टील अथार्टी ऑफ इंडिया की भी स्टील खरीदी जाए। इस बाद केंद्रीय मंत्री ने स्कूलों बच्चों को कारखाने की रोबोटिक मशीन दिखाने के लिए भी कहा। कपड़ा मंत्री सबसे पहले कारखाने के शेल शाप पहुंची और वहां पर डिब्बों के ढ़ाचों को बनते देखा। उन्होंने बोगी व ह्रवील शाल के बाद फर्निशिंग शाप का निरीक्षण किया जहां हमसफर के तैयार खड़े कोच के अंदर जाकर उसकी सुविधाओं के विषय में जानकारी ली।

कारखाने के टीटीसी शाप में चले रहे सिलाई, कढ़ाई आदि कोर्स के विषय में जानकारी देने पर कपड़ा मंत्री ने इसे बढ़ावा देने के साथ ही स्कूली ब'चों को कारखाने की रोबोटिक मशीने दिखाने के लिए भी कहा। महाप्रबंधक ने उन्हें बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस बार दुगने 1200 डिब्बे बनाने का लक्ष्य मिल चुका है। स्टेनलेश स्टील के बाद एल्यूमिनियम व स्मार्ट कोच बनाने के बाद अब भविष्य में मेमू व मेट्रो के डिब्बों को बनाने के विषय में कार्य चल रहा है। आने वाले सालों में कारखाना बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाने में भी सक्षम होगा। उन्होंने बताया कि अब तक जिले भर में 25 इंसलरियां लग चुकी हैं जिन्हें 125 करोड़ रुपये लागत की सामान के आर्डर दिए जा चुके हैं।

हवाई जहाज की तरह होगी पेेंट्रीकार में सुविधांए

कपड़ा मंत्री को बताया गया कि पहली बार कारखाने में पेंट्रीकार (रसोईघर) डिब्बे भी बनेंगे। यह डिब्बे अब तक रेलगाडिय़ो में लगे डिब्बों से अलग होंगे। इसमें प्रयास किया जा रहा है कि हवाईजहाज की तरह पेंट्री लगाई जाए ताकि यात्रियों तक चाय, काफी या भोजन पहुंचने में ठंडा न होने पाए। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। कपड़ा मंत्री ने कारखाने के चल रहे उत्पादन की प्रगति को लेकर सराहना भी की। 


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