गंगा स्नान, दान कर कमाया पुण्य लाभ
रायबरेली : मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालुओं ने गंगा घ्
रायबरेली : मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर सुबह की पहली किरण के साथ आस्था की डुबकी लगाई। मन, तन शुद्ध कर पवित्र जल से ही सूर्य को अर्घ्य दिया। गंगा मां के साथ ही गेंगासों घाट पर श्रद्धालुओं ने मां संकटा, डलमऊ घाट पर पथवारी देवी, गोकना घाट पर आराध्य देव शंकर भगवान का पूजन किया। उसके बाद दान, दक्षिणा देकर पुण्य लाभ कमाया।
डलमऊ घाट पर मकर संक्रांति पर मंगलवार को कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा के पवित्र जल में गोते लगाए। सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में शुरू हुआ गंगा स्नान का क्रम दोपहर तक अनवरत चलता रहा। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तट पर स्थित विभिन्न देवी, देवताओं के मंदिरों में पूजन अर्चन कर अपने तीर्थ पुरोहितों को यथा शक्ति दान दक्षिणा देकर अपने कुटुम्ब के कल्याण की याचना की। डलमऊ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी, तिल, दृव्यदान व ऊनी कपड़ों का दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। बांटे कागज के कलम
डलमऊ खड़ेश्वरी आश्रम के सामने मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। इस दौरान आश्रम के महंत कृष्णा विहारी ने श्रद्धालुओं को प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए कागज के कलम वितरित कर संदेश दिया। अलाव देते रहे राहत
डलमऊ नगर पंचायत की ओर से गंगा घाटों पर जलवाए गए अलाव श्रद्धालुओं को ठंड से राहत देते रहे। ठंड से चली हवा से कंपकपाए लोग अलाव के काफी संख्या में एकत्र रहे। किया पूजन अर्चन
सरेनी : मंगलवार को मकर संक्रांति पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गेंगासो घाट पर गंगा में डुबकी लगाई और मां संकटा की पूजा अर्चना कर खिचड़ी दान की। गेंगासो घाट पर सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा सकी।