केरोसिन वाली सूची से ढाई लाख परिवार बाहर
रायबरेली गरीबों की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़नी तय हैं। चीनी कटौती के बाद अब केरो
रायबरेली : गरीबों की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़नी तय हैं। चीनी कटौती के बाद अब केरोसिन भी संकट आ गया है। जिले के करीब ढाई लाख परिवारों को अब तेल से वंचित होना पड़ेगा। बिजली और गैस कनेक्शन सर्वे के बाद विभाग ने 344 किलोलीटर तेल सरेंडर (समर्पित) कर दिया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डधारकों को अनाज के साथ केरोसिन दिया जाता है। इसका दाम बाजार से काफी कम होता है। पिछले माह कोटेदारों को उठान पूरा करा दिया गया, लेकिन यह कहकर वितरण रोक दिया गया कि पहले सर्वे कर लें। इसमें बिजली और गैस कनेक्शन धारकों को तेल नहीं देने की बात कही गई। ऐसे में करीब 2.50 लाख कार्डधारक ऐसे मिले, जिनके पास यह दोनों कनेक्शन थे। जिला पूर्ति विभाग ने शासन से आवंटित 756 किलोलीटर तेल में से 344.844 किलोलीटर सरेंडर कर दिया है। अब महज 411.156 केएल केरोसिन ही जिले में शेष बची है। इसी का वितरण अवशेष कार्डधारकों को किया जाना है।
जिले में कार्डधारकों पर एक नजर
कुल दुकानें - 1130
पात्र गृहस्थी - 5.50 लाख
अंत्योदय कार्ड - 1.01 लाख
आवंटित तेल - 756 किलोलीटर
सरेंडर - 344.844 किलोलीटर
अवशेष - 411.156 किलोलीटर
गरीब परिवार कैसे दूर करेंगे अंधेरा
भले ही बिजली कनेक्शन हो, लेकिन आपूर्ति व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में चार से छह घंटे ही बिजली मिल पाती है। वही रात में गुल रहती है। इन परिस्थितियों में अंधेरा दूर करने के लिए आज भी लोग केरोसिन से दीपक और लालटेन का सहारा लेते हैं। अब उनकी मुश्किलें बढ़नी तय है।
कोट
शासन के निर्देश पर सर्वे कराया गया था। इसके बाद 344.844 किलोलीटर केरोसिन को सरेंडर कर दिया गया है। इस जद में आने वाले कार्डधारकों को अब तेल से वंचित होना पड़ेगा।
-केएन सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी