पहले ली जानकारी, फिर लगाई अफसरों की क्लास
रायबरेली तीन दिवसीय दौरे पर आईं नोडल अधिकारी ने शनिवार को कस्तूरबा विद्यालय उमरन का
रायबरेली : तीन दिवसीय दौरे पर आईं नोडल अधिकारी ने शनिवार को कस्तूरबा विद्यालय उमरन का निरीक्षण किया। छात्राओं से सीधा संवाद कर जमीनी हकीकत परखने की कोशिश की। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर सरकारी योजनाओं के क्रियांवयन की पड़ताल की।
शनिवार की दोपहर करीब दो बजे नोडल अधिकारी का अमला सलोन से रोहनिया ब्लाक की ओर चल पड़ा तो सभी विभागों में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह के साथ वह सीधे उमरन बाजार के पास स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय पहुंची। वह स्कूल के गेट पर ही रुक गईं और वहीं से स्थितियों का जायजा लेना शुरू कर दिया। उसके बाद बीएसए से आवासीय स्कूलों के संचालन के लिए बने नियमों के बारे में जानकारी हासिल की। स्कूल में वार्डेन नीतू सिंह से काफी सवाल-जवाब किए। उसके बाद छात्राओं से विषयवार अब तक क्या-क्या पढ़ाया गया, इसकी जानकारी ली। स्कूल की साफ-सफाई, भोजन, किचेन, कमरे, बिस्तर का हाल देखा। एक तखत पर तीन छात्राओं के लेटने की बात पता चलने पर उन्होंने बीएसए से सभी छात्राओं के लिए अलग तखत और बिस्तर मुहैया कराने का आदेश दिया। इससे पहले वह नगर क्षेत्र के अहियारायपुर पहुंचीं। प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा का हाल जाना फिर किशुनराय आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। अव्यवस्था मिलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्रभारी और डीपीओ को कड़ी चेतावनी दी।
स्कूल आने-जाने में कोई दिक्कत
जिले की नोडल अधिकारी आराधना शुक्ला ने सलोन से रोहनिया जाते वक्त रास्ते मे समसपुर और पकसरावा गांव के बीच कुछ छात्राओं को देखकर अपनी गाड़ी रोक दी। वह सीधे छात्राओं से रूबरू हुई और पहले उनके स्कूल के बारे में पूछा। फिर स्कूल आते-जाते रास्ते में सुरक्षा के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने छात्राओं को निडर होकर पूरे आत्मबल के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। फिर सभी छात्राओं के सिर पर हाथ फेरकर दुलारा भी। उन्होंने सभी छात्राओं के साथ ग्रुप फोटो भी खिचवाया।
पुरुष कर्मियों के व्यवहार की ली जानकारी
शाम के वक्त उन्होंने ऊंचाहार नगर में चल रहे सिलाई केंद्र का निरीक्षण किया। इसके बाद में वह कोतवाली पहुंची और महिला पुलिसकर्मियों को अकेले बुलाकर उनके रहने और ड्यूटी के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में जानकारी ली। पूछा कि उनके साथ पुरुष कर्मी, दारोगा और दूसरे अधिकारियों का व्यवहार कैसा रहता है।