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घर के कूड़े से खेतों की बढ़ रही उर्वरा शक्ति

कूड़ा निस्तारण प्लांट में बनाई जा रही जैविक खाद सरकार से सब्सिडी किसानों को मिलती है निश्शुल्क

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:04 AM (IST)
घर के कूड़े से खेतों की बढ़ रही उर्वरा शक्ति
घर के कूड़े से खेतों की बढ़ रही उर्वरा शक्ति

रायबरेली : शहर की आबोहवा स्वच्छ हो। सड़क और गलियां गंदगी से मुक्त रहें। कुछ इसी मंशा से नगर पालिका रायबरेली द्वारा कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया गया है। इससे जहां पूरे शहर की गंदगी को एक जगह एकत्र किया जाता है, वहीं घरों से निकलने वाले कूड़े से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा रही है। नई तकनीक का प्रयोग करते हुए प्लांट पर जैविक खाद तैयार की जाती है। यही खाद किसानों को निश्शुल्क दी जाती है। इसके बदले में फर्म को सरकार से सब्सिडी मिलती है। इससे प्रधानमंत्री के कचरे से आजादी अभियान को पालिका साकार कर रही है। वहीं शहर भी स्वच्छ हो रहा है।

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कूड़ा निस्तारण प्लांट पर एक नजर

कुल वार्ड- 34

जनसंख्या- 2.25 लाख

परियोजना का नाम- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम

परियोजना की लागत- 7.37 करोड़

उपलब्ध भूमि- 9.50 एकड़

अनुबंध अवधि- 30 साल

प्लांट में स्थापित मशीन- 12

कूड़ा ढोने का वाहन- 30

प्रतिदिन उत्पन्न कचरा- 60 मीट्रिक टन करीब नौ साल से चल रहा प्लांट

पीएसी निकट लगा प्लांट करीब नौ साल से चल रहा है। फर्म एकार्ड हाईड्रो एयर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ से अनुबंध है। हालांकि बीच-बीच में अड़चने आती गईं। इन सबसे जूझते हुए भी पालिका लगातार संचालित किए हुए है।

किसानों को 40 टन मिल चुकी खाद

प्लांट की देखरेख कर रहे जितेंद्र सिंह का कहना है कि 40 टन जैविक खाद किसानों को दी गई है। इसके अलावा जुलाई माह में 50 टन जैविक खाद तैयार की गई है। संचालन के दौरान जो भी दिक्कतें आती हैं। उसे दूर कर दिया जाता है।

हर टन पर 15 सौ रुपये की सब्सिडी

कूड़े से बने जैविक खाद किसानों को निश्शुल्क देने की व्यवस्था है। सरकार की ओर से प्रति टन 15 सौ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। नगर पालिका के आशुतोष सिंह ने बताया कि किसानों को इसका लाभ पाने के लिए किसान बही, खतौनी और आधार कार्ड देना होता है। इसके अलावा इफको से भी अनुबंध है।

डोर टू डोर के लिए मिर्जापुर मॉडल की तैयारी

शासन स्तर से पालिका अफसरों की बैठक हुई। इसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान टेंडर प्रक्रिया करने पर भी चर्चा है। इसमें मिर्जापुर मॉडल अपनाने के लिए कहा गया।

कोट

कूड़ा निस्तारण प्लांट के माध्यम से जैविक खाद बनाया जा रहा है। यहां पर आने वाले कूड़े में सूखे और गीले को अलग-अलग रखा जाता है। साथ ही नागरिकों को भी सूखा और गीला कूड़ा अलग रखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

-बीएम मिश्र, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद प्लांट पर बनने वाली जैविक खाद किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। इस पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके अलावा स्वच्छता के लिए दुकानदारों में डस्टबिन और कपड़े का बैग भी वितरित किए जा रहे हैं। ताकि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था बेहतर हो सके।

-पूर्णिमा श्रीवास्तव, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद


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