..पहले स्कूल छूटा अब घर से निकलना भी दुश्वार
ऊंचाहार : पहले स्कूल छूटा अब घर से निकलना दुश्वार कर दिया। पुलिस से आपबीती क्या बतायी, शो
ऊंचाहार : पहले स्कूल छूटा अब घर से निकलना दुश्वार कर दिया। पुलिस से आपबीती क्या बतायी, शोहदे घर के बाहर कूड़ा फेंकने लगे। घर की दीवारें गोबर से रंग दी। यहां तक कि गालियां और जानमाल की धमकी भी मिलने लगी। पुलिस उसे पकड़ना तो दूर मुकदमा तक नहीं दर्ज कर रही। यह पीड़ा उसी 10वीं की छात्रा की है जो पिछले 20 दिनों से छींटाकशी के चलते स्कूल नहीं जा पा रही है।
मामला कोतवाली क्षेत्र के सरगपुर डिहवा गांव का है। यहां विशेष समुदाय के गरीब परिवार की किशोरी को गांव का ही शोहदा पिछले कई दिनों से राह चलते परेशान कर रहा है। 12 अक्टूबर से किशोरी ने स्कूल जाना बंद कर दिया। जब बाहर मुलाकात बंद हुई तो शोहदे ने फोन पर धमकाना शुरू कर दिया। इस पर किशोरी के पिता कोतवाली पहुंचे। 48 घंटे बाद कोतवाल को फुर्सत मिली तो उन्होंने समस्या सुनी। किशोरी के गांव पुलिस भेजी जो खानापूरी कर लौट आयी। गांव में पुलिस आने पर इस परिवार की मुश्किलें और बढ़ गईं। किशोरी ने बताया कि उसे परेशान करने वाला शोहदा दिनभर गायब रहता है लेकिन रात में घर आ जाता है। उसके दो साथी पूरे दिन मेरे घर की निगरानी करते हैं। शाम को छींटाकशी करते हैं। गालियां देते हैं। पहले मैं खुद परेशान थी, अब तो पूरा घर परेशान हो गया है। शोहदे का साथ देने वाले अब उसके परिवार से रंजिश मानने लगे हैं। 14 अक्टूबर से मेरे घर के बाहर जबरन कूड़ा फेंका जा रहा है। मना करने पर लोग लाठी डंडा लेकर आ जाते हैं। घर की दीवार पर गीला गोबर फेंककर गंदगी फैलायी जा रही है। पुलिस एक-दो दिन गांव आयी, फिर कोई भी उसे पकड़ने के लिए नहीं आया। शोहदे के भाई को पुलिस ले गई लेकिन फिर छोड़ दिया। घर की जैसे घेराबंदी कर दी गई हो। अब तो अकेले घर से निकलने की हिम्मत नहीं पड़ती कि पता नहीं कब क्या हो जाए।
उफ! ऐसी पुलि¨सग
ऊंचाहार की ये पुलि¨सग कानून व्यवस्था का असल चेहरा दिखा रही है। यहां ये बताना जरूरी है कि पीड़िता से सीधे पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीना ने बात की थी, जिसके बाद पुलिस उसके गांव शोहदे की तलाश के लिए पहुंची। लेकिन समय गुजरने के साथ ही एसपी के मातहत महिला अपराध से जुड़े इस मामले को भुला बैठे। उनके लिए ये महज एक केस हो सकता है लेकिन छात्रा और उसके परिवारीजनों पर जो गुजर रही है, उसे बयां करना मुश्किल है।
क्या कहते हैं कोतवाल
शोहदे की तलाश की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पीड़िता के बयान दर्ज किए गए हैं।
धनंजय ¨सह, कोतवाल