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नियमों को ताख पर रखकर शहर में खड़े हैं 13 होटल

रायबरेली : शहर में एक से बढ़ एक आलीशान होटल खड़े हैं। इनमें सुविधाओं के नाम पर लो

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 11:13 PM (IST)
नियमों को ताख पर रखकर शहर में खड़े हैं 13 होटल
नियमों को ताख पर रखकर शहर में खड़े हैं 13 होटल

रायबरेली : शहर में एक से बढ़ एक आलीशान होटल खड़े हैं। इनमें सुविधाओं के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूली जा रही है। मगर, आग से निपटने के माकूल इंतजाम नहीं। वैसे तो अग्निशमन विभाग के नियमों की तो लंबी फेहरिश्त है, मगर, संचालकों ने सिर्फ फायर एक्स¨टग्यूशर लगाकर खानापूरी कर ली है। ऐसे में उन तमाम लोगों की जान पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है जो इन होटलों में रहते या काम करते हैं।

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राजधानी में चारबाग स्थित दो बड़े होटलों में अग्निकांड के बाद होटलों में आग से बचाव के इंतजाम को लेकर सवाल खड़़े हो गए हैं। लखनऊ में तो आग पर काबू पा लिया गया। वहीं अगर, शहर में चल रहे 13 में से किसी भी होटल में आग लगी तो उससे निपटना फायर ब्रिगेड के लिए भी मुश्किल होगा। वजह यहां आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम न होना है। अग्निशमन विभाग ने तो लंबे चौड़े नियम बनाकर रखे हैं, लेकिन संचालकों ने सिर्फ फायर एक्स¨टग्यूशर लगाकर ही खानापूरी की है। दे रहे मोटी रकम, जान फिर भी खतरे में

13 होटलों में कई होटलों की गिनती आलीशान होटलों में होती है। मगर, अग्निशमन विभाग के मानकों पर यह भी खरे नहीं उतरते। लगभग सभी होटलों में जैसी सुविधा वैसा शुल्क लेने की व्यवस्था है। पार्किंग और कूलर पंखों के साथ सामान्य कमरों के लिए 800 से लेकर 1500 तक और वातानुकूलित कमरों के बदले 2500 से 3000 रुपये तक लोगों से लिए जा रहे हैँ। फिर भी उनकी सुरक्षा को लेकर होटल संचालक गंभीर नहीं।

तीन होटलों ने ली प्रोविजनल एनओसी

अग्निशमन विभाग के नियमानुसार पहले निर्माण के समय प्रोविजनल और फिर बनने के बाद फाइनल एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) ली जाती है। शहर में बने तीन होटल ही ऐसे हैं, जिनके संचालकों प्रॉविजनल एनओसी ली थी। फिर फाइनल एनओसी लेने की जरूरत नहीं समझी। अन्य होटलों के मालिकानों ने तो प्रोविजनल एनओसी ही नहीं ली, फाइनल की तो बात ही दूर रही। बिना नक्शे बने होटल, सो रहा आरडीए

सबसे खास बात तो ये है कि शहर में चल रहे एक भी होटल का नक्शा रायबरेली विकास प्राधिकरण की ओर से पास नहीं किया गया है। कहीं दो मंजिल तो कहीं चार मंजिल की इमारतें बनी। महीनों तक काम चलता रहा, लेकिन प्राधिकरण का कोई भी जिम्मेदार अभियंता इसे रोकने नहीं पहुंचा। उल्टे कार्रवाई की बजाय संचालकों से अवैध निर्माण के बदले मोटी रकम वसूली। इसी का नतीजा है कि बेधड़क अवैध निर्माण हुए और अब इनमें होटलों का संचालन भी बिना रोकटोक हो रहा है। होटलों में की जाने वाली अग्निशमन व्यवस्थाएं

1- फायर एक्स¨टग्यूशर

2- होजरील

3- फायर बकेट

4- स्प्रिंकलर

5- म नुअली आपरेटेड इलेक्ट्रिक फायर अलार्म सिस्टम

6- बिना वेशमेंट के पांच हजार और वेशमेंट होने पर 10 हजार लीटर का टैरिस टैंक

7- बिना वेशमेंट के 450 लीटर प्रति मिनट और वेशमेंट होने पर 900 लीटर प्रति मिनट क्षमता का टैरिस पंप।

नोट - खबर में दिए गए आंकड़े और नियमों का स्त्रोत अग्निशमन विभाग है। भू-खंडों का आकार बढ़ने पर नियमों भी मामूली बदलाव होता है। चलाया जाएगा अभियान : सीएफओ

शहर में किसी भी होटल अग्निशमन विभाग के नियमों का शतप्रतिशत पालन नहीं हो रहा है। इसके लिए एक-दो दिन में टीम बनाकर अभियान चलाया जाएगा। सभी होटलों की जांच होगी। इसके बाद होटल संचालकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

आरके पांडेय

मुख्य अग्निशमन अधिकारी होगी कार्रवाई : एक्सईएन

शहर में सिर्फ एक होटल का नक्शा पास है। शेष किसी भी होटल के निर्माण के लिए नक्शा पास नहीं कराया गया है। ये होटल काफी पहले से बने हैं। जल्द ही होटलों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद उचित कार्रवाई होगी।

एके राय

एक्सईएन, आरडीए


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