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यूपी के इस गांव में नहीं खेली गई होली, गांव में पसरा रहा सन्नाटा; इस कारण दहशत की जिंदगी जी रहे ग्रामीण

UP News दूसरों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार भी सुरक्षित नहीं रहे। लुटेरे एक के बाद एक पुलिसकर्मियों के घर को निशाना बना रहे हैं। लुटेरों ने पिछले एक साल में जगतपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में पुलिस कर्मियों के घरों को निशाना बनाते हुए लूट की घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Tue, 26 Mar 2024 09:22 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2024 09:22 AM (IST)
यूपी के इस गांव में नहीं खेली गई होली, गांव में पसरा रहा सन्नाटा

संवाद सूत्र, ऊंचाहार। दूसरों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार भी सुरक्षित नहीं रहे। लुटेरे एक के बाद एक पुलिसकर्मियों के घर को निशाना बना रहे हैं। लुटेरों ने पिछले एक साल में जगतपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में पुलिस कर्मियों के घरों को निशाना बनाते हुए लूट की घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी है। घटनाओं का राजफास न होने से दहशतजदा ग्रामीणों ने होली के पर्व का बहिष्कार कर दिया। समूचे गांव में सन्नाटा पसरा रहा।

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ब्लॉक मुख्यालय, प्राथमिक विद्यालय, कंपोजिट विद्यालय, जैसे सरकारी भवनों से हुई चोरियों के अलावा क्षेत्र में अनेक घटनाएं प्रकाश में आई। इसके बावजूद प्रभावी कार्यवाही न होने से लुटेरों ने पुलिस कर्मियों के घरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। पिछले साल 16 जून को सुल्तानपुर गांव निवासी पुलिसकर्मी राजन पांडेय के घर से नगदी समेत 67 लाख रुपए की लूट की घटना को अंजाम दिया।

कुछ दिनों तक पुलिस ने जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर फाइल बंद कर दी। दूसरी घटना रामगढ़ टिकरिया गांव निवासी उपनिरीक्षक केदारनाथ सिंह के घर को निशाना बनाया। यहां से भी अज्ञात लुटेरों ने नगदी समेत 15 लाख कीमत के जेवरात चोरी कर ले गए। घटना के दिन दरोगा उन्नाव जनपद में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। इस घटना में भी पुलिस कुछ दिनों तक हाथ पर मरती रही, इसके बाद फाइल को बंद कर दिया।

तीसरी घटना 14 मार्च की रात रोझइया भीखम शाह गांव निवासी शिव अधार त्रिवेदी के घर की है। इनका बेटा अतुल त्रिवेदी भी प्रयागराज में आरक्षी के पद पर तैनात है। चोरों ने इनके परिवार को बंधक बनाते हुए करीब तीन लाख नगदी समेत व 30 लाख कीमत के सोने चांदी के आभूषण लेकर रफूचक्कर हो गए।

घटना की रात ही क्षेत्राधिकारी से लेकर अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को 48 घंटे में घंटे में मामले के राजफाश का भरोसा दिलाया था। लेकिन घटना को दस दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।

घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार समेत गांव में दहशत का माहौल है। गांव निवासी संतोष मिश्र, नीरज त्रिवेदी, पंकज त्रिवेदी, शशांक त्रिवेदी, भोला त्रिवेदी, बसंत लाल बाजपेई आदि ने पुलिस की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में हो रही लगातार चोरियों के राजफाश के बजाय पुलिस स्थानीय पुलिस फाइलों को बंद करने में अधिक विश्वास रखती है। दहशत की वजह से गांव के बूढ़े बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं जागकर रात बिताते हैं। उन्हें लगता है कि कहीं घटना की पुनरावृत्ति ना हो जाए। घटना का राजफास न होने पर किसी भी व्यक्ति द्वारा गांव में होली का त्यौहार नहीं मनाया गया है।

क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार नौहवार ने बताया कि सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन किया जा रहा है। जल्द ही घटना का राजफास किया जाएगा।


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