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हेलमेट बना सुरक्षा साथी, सीट बेल्ट लगाने में संकोच

यातायात नियमों की जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार शुरू सभी से सहयोग की अपील नया मोटर व्हिकल एक्ट का असर बाइक सवार आए साथ अब चार पहिया वाहनों पर निगहबानी

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:29 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:09 AM (IST)
हेलमेट बना सुरक्षा साथी, सीट बेल्ट लगाने में संकोच
हेलमेट बना सुरक्षा साथी, सीट बेल्ट लगाने में संकोच

रायबरेली : सड़क हादसों में मृत्युदर के आंकड़े बहुत भयावह हैं। बावजूद इसके, सफर के दौरान यातायात नियमों का पालन करने में अभी भी लापरवाही बरती जा रही है। आम-ओ-खास, तकरीबन हर वर्ग के लोगों को समझाया जाता है। चेतावनी दी जाती है और यहां तक की चालान तक काटा जाता है। मगर, तब भी इसमें अपेक्षानुसार सुधार नहीं हो रहा है।

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सड़क सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन यही सब बाते सिखाने और समझाने के लिए उप संभागीय परिवहन कार्यालय द्वारा प्रचार वाहन रवाना किए गए। जो लोग नियम तोड़ते मिले, उन्हें फूल देकर उनके जीवन की महत्ता का बोध कराने का प्रयास किया गया। शहर और कस्बों के मुख्य चौराहों पर वाहन चेकिग करके कार्रवाई तो कम की गईं मगर, चेतावनी दिए बिना किसी को नहीं छोड़ा गया। इस बीच भी लगभग 40 प्रतिशत लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते मिले। इससे ज्यादा खराब हालात तो चार पहिया चालकों की है। लंबी दूरी के लिए निकले वाहनों के चालक और सवारियां तो सीट बेल्ट लगाए मिलीं। लेकिन, लोकल और आसपास के जिलों के अधिकांश लोग इस मामले में लापरवाही बरतते मिले। उन्हें भी रोका गया और समझाया गया कि आपकी ये लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

जो सुधरे उन पर कार्रवाई ज्यादा

अगर यातायात नियमों के पालन की बात करें तो बाइक सवारों की स्थिति ज्यादा बेहतर है। नए मोटर व्हिकल एक्ट के लागू होने के बाद से 60 प्रतिशत लोग हेलमेट लगाने लगे हैं। वहीं कार सवार लोग अभी सचेत नहीं हुए हैं। उन्हें पुलिस रोकती भी कम है, जिसका वे गलत फायदा उठा रहे हैं। जोकि उनके लिए ही नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके उलट, बाइक सवार आसानी से रोक लिए जाते हैं और उन पर कार्रवाई ज्यादा हो जाती हैं। यातायात पुलिस के आंकड़े तो यही कह रहे हैं।

कोट

हमारी कोशिश है कि जो लोग भी सड़क पर निकलें, वे यातायात नियमों का पालन जरूर करें। इससे उनकी सुरक्षा ही होनी है। लाख कोशिशों के बावजूद ऐसे लोग बहुतायत मिल जाते हैं, जिनमें नियम कानून की परवाह नहीं हैं। उन्हें सजग होना होगा। तभी हादसों में म़ृत्यु दर कम होगी।

-संजीव जायसवाल, उप संभागीय परिवहन अधिकारी


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