प्रदूषण व गंदगी से कराह रही मां गंगा
रायबरेली : जगत के पापों को नष्ट करने वाली मां गंगा कम जल स्तर के कारण प्रदूषण से कराह र
रायबरेली : जगत के पापों को नष्ट करने वाली मां गंगा कम जल स्तर के कारण प्रदूषण से कराह रही हैं। सरकारी मुलाजिम इससे अंजान बने हुए हैं। अविरल धारा पर अभी से संकट खड़ा होने लगा है।
गंगा में लगे दर्जनो पंप कैनालों के चलते गंगा की धारा दिनों दिन सिमटती जा रही है। पानी कम होने के कारण प्रदूषण का प्रतिशत बढ़ने लगा है। बुधवार को डलमऊ के राजघाट पर गंगा के पानी में इतनी गंदगी आ गई कि लोगों ने यहां स्नान करना बंद कर दूसरे घाटों पर चले गए। ऐसे में यदि शीघ्र पानी न छोड़ा गया तो अविरलता पर संकट खड़ा हो जाएगा। जल स्तर कम होने से एक बड़ा भू भाग जलविहीन हो गया है। कस्बा निवासी टेशू दीक्षित, सोनू मिश्रा, नीरज जायसवाल, दीपू पण्ड़ा, रोहित कुमार, मन्ना त्रिपाठी, गुड्डू जायसवाल आदि ने बताया कि गंगा में जल स्तर की कमी के चलते प्रदूषण का प्रतिशत दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं।
ऐसे मैली हो रही गंगा
डलमऊ में ग्यारह गंदे नाले गंगा के पानी को दूषित कर रहे हैं। जिन्हें रोकने के लिए महज जांच तक ही कार्रवाई की गई। डलमऊ बड़ा मठ के ब्रम्हचारी दिव्यानंद गिरि ने बताया कि गंगा में जल की मात्रा से कहीं अधिक नालों का पानी है, यदि ऐसा ही रहा तो प्रयागराज कुंभ में श्रद्धालु दूषित जल से ही स्नान को मजबूर होंगे। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो डलमऊ में प्रति दिन 40 से 50 शवों का दाह संस्कार किया जाता है। उसके बाद प्रतिदिन लगभग पांच ¨क्वटल से अधिक राख व कोयले से गंगा के निर्मल जल को गंदा किया जा रहा है। डलमऊ उपजिलाधिकारी जीतलाल सैनी ने बताया कि गंगा में गंदगी की जानकारी नहीं है। गिर रहे नालों को रोकना मेरे कार्यक्षेत्र से बाहर है। फिर भी पत्राचार किया जाएगा।