नमामि गंगे से पलट रही गंगा घाटों की काया, खर्च होंगे 15 करोड़
डलमऊ केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना ने डलमऊ के आठ घाटों की काया पलट दी
डलमऊ : केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना ने डलमऊ के आठ घाटों की काया पलट दी है। जहां पहले बालू, पत्थर और खर-पतवार होते थे, वहां अब चमचमाते घाट हैं। इसी तरह अन्य घाटों की बदहाली दूर करने की तैयारी है। फिलहाल, अभी तीन घाटों पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विभागीय अफसरों द्वारा सर्वे भी कराया जा चुका है।
गंगा नदी के किनारे मुख्य रूप से 17 घाट हैं, जिन पर विशेष अवसरों पर स्नानार्थियों की भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नमामि गंगे योजना से आठ घाटों का कायाकल्प कराया गया। कई घाट अभी कच्चे व बदहाल हैं। यहां स्नान करना आसान नहीं होता। केंद्र सरकार ने अब इसका भी संज्ञान लिया है। उसके निर्देश पर राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से बदहाली दूर करने की कवायद शुरू की गई है। इसी के तहत विशेषज्ञ केपी पांडेय ने यहां का दौरा किया था। इसके बाद 15.36 करोड़ के कायों का खाका खींचा गया। परियोजना के तहत पक्के घाटों का निर्माण कराया जाएगा। तीन घाटों का होगा निर्माण
डलमऊ में राजघाट, वीआइपी, रानी शिवाला, संकट मोचन, पक्का घाट, पथवारी, दीनशाह गौरा घाट, महावीरन घाट का नमामि गंगे योजना से पहले ही कायाकल्प हो चुका है। बड़ा मठ, छोटा मठ, बरुद्दा, शुकुल, जनाना, श्मशान, तराई, खड़ेश्वरी और राजा नेवाज सिंह घाट अभी कच्चे हैं। इनमें से बड़ा मठ, छोटा मठ और राजा नेवाज सिंह घाटों पर पक्का निर्माण कराया जाएगा। महामंडलेश्वर ने लिखा था पत्र
सनातन धर्म पीठ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने 30 जून को प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह को पत्र लिखा था। कच्चे घाटों का कायाकल्प कराने की मांग की थी। ---------------
डलमऊ के घाटों के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव मिला है। बजट की स्वीकृति का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू कराए जाएंगे।
नजीब हसन
जनसंपर्क अधिकारी, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन