एसडीएम पर जबरन सुलह कराने का किसानों ने लगाया आरोप
रायबरेली : डलमऊ तहसील क्षेत्र के केसरुवा गांव में पेड़ों की नीलामी और चकरोड को लेकर
रायबरेली : डलमऊ तहसील क्षेत्र के केसरुवा गांव में पेड़ों की नीलामी और चकरोड को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। एक पक्ष सोमवार को डीएम ऑफिस पहुंचा और एसडीएम पर जबरन सुलह समझौता कराने का आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया। डीएम ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन किसानों को दिया है।
केसरुवा गांव के सत्यनाथ, दुर्गेश कुमार, पवन कुमार और सनातन कुमार पट्टीदार हैं। सत्यनाथ ने बताया कि उनकी भूमिधरी जमीन पर नीम, कटहल, महुआ, आम आदि के 104 पेड़ हैं, जो कि लगभग 20 साल पुराने हैं। हाल ही में लेखपाल ने गलत तरीके से नाप करके सारे पेड़ चकरोड में निकाल दिए। भूमि की हदबरारी के बिना कागज तैयार कर दिए गए। जबकि चकरोड के अगल-बगल दोनों ओर पेड़ खड़े हैं। इसका एक वाद न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके, चकरोड बनाने व पेड़ कटवाने के लिए पेड़ों की नीलामी भी करा दी गई। इसका विरोध किया तो 17 नवंबर को एसडीएम जीतलाल सैनी ने उन्हें तहसील बुलाया। एक कमरे में बंद करके धमकाया कि सुलहनामा पर हस्ताक्षर कर दो कि चकरोड बनने और पेड़ कटने से तुम्हें कोई ऐतराज नहीं है। ऐसा नहीं किया तो जेल भेज दूंगा। डर वश हमने हस्ताक्षर कर दिए।
किसानों ने बताया कि बड़ी मेहनत से हमने पेड़ तैयार किए हैं, जिन्हें चकरोड में दिखाकर काटने की तैयारी तहसील प्रशासन कर रहा है। अगर रास्ता ही चाहिए तो हमारी भूमिधरी जमीन से ले सकते हैं, या फिर हदबरारी कराकर जहां चकरोड हो, वहां से रास्ता बना सकते हैं। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि डीएम संजय खत्री ने पूरे प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की बात कही है।
सारी प्रक्रिया कानून को ध्यान में रखकर की गई है। हमने पहले हदबरारी कराई फिर चकरोड निकाला गया। कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। सारे आरोप झूठे हैं।
जीतलाल सैनी, उप जिलाधिकारी डलमऊ