ईपीएफ घोटाला, 269 कर्मियों का नहीं जमा भुगतान
रायबरेली कर्मचारियों के भविष्य की बेहतरी के लिए होने वाली ईपीएफ कटौती में जबरदस्त धां
रायबरेली : कर्मचारियों के भविष्य की बेहतरी के लिए होने वाली ईपीएफ कटौती में जबरदस्त धांधली चल रही है। करीब 269 कर्मियों की सालभर से फूटी कौड़ी भी नहीं जमा हुई। जिम्मेदार सिर्फ नोटिस देकर खानापूरी करने में लगे हैं। इसमें सबसे अधिक जलकल में तैनात कर्मचारियों की संख्या है।
नगर पालिका परिषद में अलग-अलग फर्मों द्वारा ठेका कर्मियों की आपूर्ति की जाती है। वर्तमान में इसमें मासिक भुगतान के साथ ही ईपीएफ की कटौती होनी होती है। इसमें वेतन का 12 फीसद नगर पालिका और 13 फीसद संबंधित फर्म को जमा करना होता है। वहीं फर्म द्वारा कर्मचारियों के हिस्से का धन गोलमाल किया जा रहा है। सालभर से 269 कर्मियों का ईपीएफ ही नहीं जमा किया गया। इस कार्य को देख रहे कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक के संज्ञान में सारा मामला है। बावजूद चुप्पी साधे हुए हैं। हर महीने लाखों रुपये फर्म द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसमें सबसे अधिक 189 कर्मचारी जलकल के बताए जा रहे हैं। इसके अलावा निर्माण और विद्युत के करीब 80 कर्मी भी इस सुविधा के लाभ से वंचित है।
सबकी अलग-अलग दिहाड़ी है निर्धारित
सूत्रों की मानें तो ठेका कर्मियों के अलग-अलग भुगतान निर्धारित हैं। फर्म द्वारा सफाईकर्मी को 308 रुपये प्रतिदिन, कंप्यूटर ऑपरेटर को 228 रुपये और अन्य मजदूर वर्ग के लिए 194 रुपये का भुगतान प्रति दिन के हिसाब से किया जाता है। इसमें भी तमाम खेल होते रहते हैं।
जुलाई 2018 के बाद से नहीं जमा भुगतान
अंदरखाने की मानें तो फर्म एक चहेते की है। जिनका पालिका में अच्छा खासा हस्तक्षेप है। यही वजह है कि कोई कुछ कह नहीं पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जुलाई 2018 से ईपीएफ के मद में कुछ भी जमा नहीं किया गया है।
कोट
संबंधित फर्म को नोटिस भेजा गया था। कोई जवाब नहीं मिला है। यदि जल्द ईपीएफ का भुगतान नहीं किया जाता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-बीएम मिश्र, ईओ, नगर पालिका परिषद