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अंत्योदय गांवों में विकास की पड़ताल शुरू, मांगा ब्योरा

रायबरेली : प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण अंत्योदय ग्राम योजना में तेजी आने की उम्मीद जग गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 11:14 PM (IST)
अंत्योदय गांवों में विकास की पड़ताल शुरू, मांगा ब्योरा

रायबरेली : प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण अंत्योदय ग्राम योजना में तेजी आने की उम्मीद जग गई है। अक्टूबर माह से अब तक कराए गए विकास कार्यों का ब्योरा तलब किया गया है। सीडीओ ने सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर तीन दिन में विभागवार कराए गए कार्यों की जानकारी मांगी है। इससे इन गांवों की हकीकत सामने आ सकेगी। वहीं सिर्फ कागजी ताना-बाना तैयार करने वाले अफसरों की भी कलई खुल जाएगी।

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जिले में अंत्योदय ग्राम योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 180 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए करीब 22 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई। इन गांवों में आवास, शौचालय, पेयजल, सड़क, बिजली आदि से पूरी तरह संतृप्त करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद विभागों की ओर से कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। नगर निकाय चुनाव के चलते अधिकारी भी शिथिल हो गए। वहीं अब सीडीओ राकेश कुमार ने सभी ब्लॉकों को पत्र जारी कर इन गांवों में हुए कार्यों की पड़ताल शुरू कर दी है। सभी बीडीओ को ¨बदुवार सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बाकायदा प्रोफार्मा भी भेजा गया है। इन ¨बदुओं के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वहीं विकास की सही तस्वीर आला अफसरों तक पहुंच सकेगी।

40 से अधिक ¨बदुओं पर देनी होगी रिपोर्ट

सीडीओ ने पड़ताल के लिए सभी ¨बदुओं को शामिल किया गया है। इसमें संबंधित करीब 22 विभागों को 40 से अधिक ¨बदुओं पर जवाब देना होगा। सूत्रों की मानें तो अभी तक इन गांवों में आवास, शौचालय, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत अनाज वितरण जैसे कार्य ही हो सके हैं।

2019 तक सभी गांवों को होना है संतृप्त

शासन की ओर से इन गांवों को पूर्ण विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी समय सीमा 2019 तय की गई है। सीडीओ की सख्ती के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया है। अभी तक योजना में कोई खास प्रभाव गांवों में नहीं पड़ा है।

आर्थिक रूप से बनाना है समृद्ध

गांव में विकास कार्य कराने के साथ ही आर्थिक रूप से समृद्ध भी करना है। इसके तहत युवाओं को गांव में कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण दिलाया जाना है। साथ ही किसानों को निशुल्क बो¨रग, बीज, खाद आदि की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराना होगा। इतना ही नहीं महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आत्मनिर्भर भी बनाने की योजना है। फिलहाल अभी तक ऐसा कुछ गांवों में देखने को नहीं मिल रहा है।


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