नए ट्रैक पर 130 किमी. की स्पीड से दौड़ी सीआरएस स्पेशल
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने कुंदनगंज-गंगागंज के बीच दोहरीकरण का लिया जायजा नई रेल लाइन के साथ ऊर्जीकरण के कार्य की गुणवत्ता का किया गहन परीक्षण
रायबरेली : मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने मंगलवार को कुंदनगंज-गंगागंज के बीच दोहरीकरण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान हर एक चीज का बारीकी से परीक्षण किया। उनकी इस परीक्षा में यह कार्य कितना सफल रहा, यह अभी पता नहीं चला है। इस बीच नए ट्रैक पर सीआरएस स्पेशल 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। सीआरएस शैलेश कुमार पाठक सुबह करीब साढ़े आठ बजे ही अपनी विशेष ट्रेन से गंगागंज रेलवे स्टेशन पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले रेलवे स्टेशन का जायजा लिया। अफसरों से कामकाज के बारे में पूछा। इसके बाद ट्रैक और ऊर्जीकरण के कार्यों का अवलोकन किया। मोटर ट्रॉली से वह कुंदनगंज तक गए। इसके बाद गंगागंज से उनकी स्पेशल ट्रेन कुंदनगंज पहुंची। फिर ट्रैक पर 130 किमी रफ्तार से ट्रेन चलाकर उसकी गुणवत्ता परखी। करीब 16 किमी के इस ट्रैक के निरीक्षण में सीआरएस ने लगभग छह घंटे का समय दिया। जहां भी जरा सा संदेह हुआ, वहां गंभीरता के साथ जांच की।
इनसेट कई जगह मिलीं खामियां, लगाई फटकार
बताते हैं कि गंगागंज रेलवे स्टेशन के अधीक्षक कक्ष के बाहर अर्थ पिट में सीआरएस को कुछ खामी नजर आई। इस पर वे खासा नाराज हुए और सुधार के निर्देश दिए। वहीं, हरचंदपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक से ट्रेनों के संचालन संबंधी सवाल-जवाब किए। वे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए। इस पर भी सीआरएस नाराज हुए। निरीक्षण के दौरान एक जगह स्क्रैप देख उन्होंने मातहतों को फटकारा। अफसरों के हाथ-पैर तब भी फूल गए थे, जब एक स्थान पर सीआरएस की टीम की एक ट्रॉली खराब हो गई।
शाम होते ही बंद कर दी जाती रेलवे क्रॉसिग, आवागमन हो जाता ठप रायबरेली: मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक, लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी व अन्य अफसरों के साथ नइया नाला पुल का जायजा ले रहे थे। इसी बीच ग्रामीण पहुंचे और अपना दुखड़ा सुनाने लगे। कहा कि शाम होते ही रेलवे क्रॉसिग बंद कर दी जाती है। इस कारण आवागमन ठप हो जाता है।
दतौली के लोगों ने कहा कि उनके गांव जाने के लिए रेलवे गेट नंबर 167 को पार करना पड़ता है। इस गेट पर अब तक एक ही गेटमैन तैनात है। ड्यूटी खत्म होते ही शाम छह बजे वह क्रॉसिग का गेट बंद कर चला जाता है। इसके बाद आवागमन नहीं हो पाता। किसी की बीमारी में एंबुलेंस बुलाना हो या अग्निकांड के समय फायर ब्रिगेड को आना पड़े, ऐसी आपात परिस्थितियों में भी आवागमन नहीं हो पाता। जगपुरवा, कक्केपुर, चौपुरा सहित अन्य तमाम गांवों के लोग भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं। लोगों ने डीआरएम को एक ज्ञापन भी सौंपा। डीआरएम ने जल्द समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया।