पालिका का क्लोरीन गैस सिलिडर पहुंचा सुलखियापुर, मची अफरा-तफरी
- सई नदी में बहता देख ग्रामीण ने निकाला जानकारी होने पर विद्यालय के समीप छोड़कर भागे - प्रधान की सूचना गांव पहुंचे पालिका कर्मचारी गैस समाप्त हो जाने पर ली राहत की सांस
रायबरेली : एक बार फिर पालिका अफसरों की लापरवाही सामने आई है। गुरुवार आधी रात सिलिडर से क्लोरीन गैस रिसाव होने के बाद हड़बड़ी में निस्तारित कराए बगैर सई नदी में डाल दिया। सुबह आसपास के गांव के लोगों ने उतराते देखा तो पानी से बाहर निकाल लिया। उसे सुलखियापुर उच्च प्राथमिक विद्यालय के समीप रख दिया। इसी दौरान किसी ने रात में हुए हादसे का जिक्र किया तो अफरा-तफरी मच गई। प्रधान की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पालिका कर्मी उसे अपने साथ उठा लाए। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि गुरुवार की आधी रात नगर पालिका के जलकल कार्यालय परिसर में कबाड़ में रखे क्लोरीन गैस सिलिडर से रिसाव होने लगा। आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस दौरान सात लोग बेहोश हो गए। सूचना प्रशासन तक पहुंची तो अफसरों के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया। वहीं पालिका कर्मियों ने निस्तारित किए बगैर कबाड़ में रखे सिलिडर को सई नदी में फेंक दिया। शनिवार को सुबह एक सिलिडर बहता हुआ सुलखियापुर गांव के समीप पहुंच गया। कुछ ग्रामीणों ने उसे देखा तो समझ नहीं सके। महत्वपूर्ण समझकर बाहर निकाल लाए। उच्च प्राथमिक विद्यालय के समीप रख दिया। इसी दौरान किसी ने बताया कि यह वही सिलिडर है जिसके रिसाव से सात लोग बेहोश हो गए थे। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। सिलिडर को वहीं छोड़कर सभी भाग गए। सूचना पर पहुंचे प्रधान ने चौकी इंचार्ज मुंशीगंज और पालिका अफसरों को सूचना दी। आनन-फानन में गांव पहुंचे पालिका कर्मी उसे फिर उठा लाए। हालांकि उनका कहना है कि सिलिडर से पूरी गैस निकल चुकी है। अब इससे कोई खतरा नहीं है। इनसेट
कानपुर की टीम आकर करेगी निस्तारित
पालिका के अधिशासी अधिकारी बालमुकुंद मिश्र का कहना है कि वर्तमान हालात को देखते हुए पानी में फेंकना ही एक मात्र रास्ता था। अब सभी ऐसे सिलिडरों की तलाश की जा रही है। कानपुर से टीम आएगी। सही तरीके से सभी का निस्तारण किया जाएगा।