बाजार स्ट्रीट बन गई अवैध निर्माणों वाली रोड
शहर में विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की मिलीभगत से कचहरी रोड पर हावी हो रहे बिल्डर
रायबरेली : शहर में कचहरी रोड पर जिस तरह आरडीए के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, वह यहां बिल्डरों और अभियंताओं के बीच गठजोड़ की गवाही दे रहीं। कोई भी नया निर्माण तीन मंजिल से कम का नहीं। पार्किंग किसी ने भी नहीं छोड़ी। कुछ लोगों ने तो सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया, फिर भी आरडीए उन्हें रोक न पाया।
डिग्री कॉलेज चौराहे से लेकर बस स्टेशन तक का इलाका कचहरी रोड कहा जाता है। शहर में अगर, कही सबसे बड़े निर्माण हुए हैं तो वह यही रोड है। यही वजह है कि प्राधिकरण में अभियंताओं के लिए यह क्षेत्र हमेशा से पसंदीदा रहा है। कारण, यहां पर जितने भी निर्माण हुए या हो रहे, वह सब नियमों के विपरीत हैं। किसी ने मकान का नक्शा पास कराकर तीन मंजिल कांप्लेक्स बनाया है तो, किसी ने बिना नक्शे के ही निर्माण करा लिया। खास बात यह है कि इस रोड पर पिछले पांच सालों के अंदर हुए कोई भी निर्माण ऐसे नहीं, जो तीन मंजिल से कम हों। सब के सब पूरी तरह व्यवसायिक हैं। प्राधिकरण के नियमों के अनुरूप कोई भी व्यवसायिक निर्माण बिना पार्किंग की जगह छोड़े नहीं हो सकता, लेकिन रोड की शुरुआत से लेकर अंत तक बनी किसी भी इमारत में इसका पालन नहीं हुआ। इस समय भी ऐसे ही निर्माण हो रहे हैं।
सरकारी जमीन पर हो गया निर्माण
इसी रोड पर अग्निशमन केंद्र के निकट सिचाई विभाग की जमीन है। इस पर भी एक व्यापारी ने अवैध रूप से निर्माण करा लिया, जबकि कई साल पहले अवैध कब्जे के इस मामले में एफआइआर भी हुई थी। प्राधिकरण ने बिल्डिग सील कर दी थी। बाद में अभियंताओं से मिलीभगत कर व्यापारी ने इमारत खड़ी कर ली।
इनकी भी सुनें
कचहरी रोड पर सरकारी जमीन पर निर्माण का मामला संज्ञान में नहीं है। अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी बिना नक्शे या नक्शे के विपरीत निर्माण नहीं होना चाहिए। अगर, ऐसा होता है तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बीपी मौर्य,
प्रभारी सचिव, आरडीए