काउंसिलिग, ज्वॉनिग और इस्तीफा के पीछे कौन भेदिया
विभाग के किसी अपने से मास्टरमाइंड को मिलती रही हर सूचना
जासं, रायबरेली : अनामिका प्रकरण ने बेसिक शिक्षा विभाग की पोल खोल कर रख दी है। खुद को पाक साफ बताने वाले अफसर अब अपने पर आई आंच में ही झुलसते नजर आ रहे हैं। मामले में अनामिका के आवेदन, काउंसिलिग, ज्वॉनिग हो या फिर इस्तीफा। हर जगत मास्टरमाइंड विभाग के भेदिए के सहारे एक कदम आगे ही रहा है। काउंसिलिग में लगे फोटो और ज्वॉनिग में आने वाली युवती से नहीं मिलते हैं। ऐसे में बिना फोटो के मिलान कराए कैसे कार्यभार ग्रहण करा दिया गया। जिसने कराया उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। साथ ही भेद खुलने ही वाला था इससे पहले ही तथाकथित अनामिका द्वारा वाट्सएप पर इस्तीफा भेजा जाना कहीं न कहीं अपनों पर ही अंगुली उठने लगी है। बीएसए आनंद मोहन शर्मा का कहना है कि प्रकरण में जिसकी भी संलिप्तता मिलेगी। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय है। इनसेट
काउंसिलिग से लेकर ज्वॉनिग तक की फाइल तलब
काउंसिलिग के दौरान प्रपत्रों के मिलान और ज्वॉनिग तक की फाइल तलब की गई है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि काउंसिलिग के दौरान आवेदन में चस्पा फोटो का कार्यभार ग्रहण करने वाली तथाकथित अनामिका से एकदम अलग है। इसके बाद भी एक बार भी नहीं पूछताछ की गई। ऐसे में ज्वॉनिग कराने के दौरान अफसर और मास्टरमाइंड की जुगलबंदी साफ नजर आ रही है। वहीं विभाग मामले में पर्दा डालने में लगा हुआ है। विभागीय कार्यशैली पर लगने लगा प्रश्नचिन्ह
प्रकरण गंभीर है। इसके बावजूद विभागीय कार्यशैली निराशाजनक है। मामले में अभी तक जांच प्रक्रिया सिर्फ कागजों पर ही दौड़ रहा है। अफसर यह कहकर मौन हैं कि जांच पुलिस कर रही है। जरूरी दस्तावेज भी उच्चाधिकारियों को उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन सबके बीच यह प्रश्न जरूर उठ रहा है कि आखिर वह विभाग का कौन है जिसे विभाग की हर सूचना मिलती है। वहीं सूचना मास्टर माइंड तक पहुंच जाती है।
सर्विलांस से खुलेगा नकली अनामिका का राज
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात रही तथाकथित अनामिका के रहस्य से जल्द ही पर्दा उठ सकता है। शिक्षिका के मोबाइल नंबर इसमें सबसे अहम होगा। सर्विलांस के दौरान यह पता चल जाएगा कि लॉक डाउन के दौरान उसके फोन की लोकेशन क्या था।