वकीलों ने तहसील गेट पर जड़ा ताला, मचा हड़कंप
लालगंज गवाहघर पर कब्जे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार को आक्रोशित वकील
लालगंज : गवाहघर पर कब्जे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार को आक्रोशित वकीलों ने तहसील गेट पर ताला जड़ दिया। इससे अफरा-तफरी मच गई। फरियादियों के साथ ही अधिकारी और कर्मचारी भी अंदर कैद हो गए। सूचना पर पहुंचे कोतवाल ने किसी तरह शांत कराकर ताला खुलवाया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। दिनभर अधिवक्ताओं का धरना प्रदर्शन चलता रहा। गौरतलब है कि जिस भवन में क्षेत्राधिकारी कार्यालय चल रहा है, उसे गवाहघर व साईकिल स्टैंड भवन बता दिलाए जाने की मांग को लेकर अधिवक्ता आंदोलित चल रहे हैं।
अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक गवाहघर भवन वापस नहीं मिलेगा, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि तहसील भवन के बगल स्थित दूसरे भवन को दूरदर्शन केंद्र के लिए दिया गया था। अनुबंध समाप्त होने पर दूरदर्शन ने जून माह में भवन खाली कर दिया। इस भवन को एसडीएम के भेजे प्रस्ताव पर डीएम ने क्षेत्राधिकारी कार्यालय खोलने के लिए अनुमोदन कर दिया। यंग लायर्स एसोसिएशन अध्यक्ष सुंदरलाल वाजपेई ने बताया कि दूरदर्शन को दिए जाने के पहले उस भवन का उपयोग वादकारियों के बैठने व साईकिल खड़ा करने के रूप में होता था। वर्तमान में वादकारियों के बैठने व वाहन खड़ा करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
इसी क्रम में शुक्रवार को तहसील परिसर में अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और 10:45 बजे तहसील गेट पर ताला लगाकर एसडीएम विरोधी नारेबाजी की। लगभग आधा घंटे तक गेट बंद रहा जिससे परिसर के अंदर व बाहर रहे लोग खड़े रहे। कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने अधिवक्ताओं को समझा बुझाकर गेट से ताला खुलवाया। इस मौके पर अधिवक्ता रामप्रताप सिंह, विनय भदौरिया, ज्योतिरेंद्र मिश्रा, रामनारायण श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।