14 डीएलएड विद्यालयों की मान्यता खतरे में, होगी जांच
रायबरेली : शैक्षणिक संस्थानों द्वारा डीएलएड की मान्यता हासिल करने के बाद मानकों की अनदेख
रायबरेली : शैक्षणिक संस्थानों द्वारा डीएलएड की मान्यता हासिल करने के बाद मानकों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद निदेशक ने जिले के सभी संस्थानों के जांच के निर्देश दे दिए हैं। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रत्येक संस्थान में एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिले में 14 शैक्षणिक संस्थानों को डीएलएड की मान्यता मिली है। इन सभी संस्थानों के प्रबंधतंत्र द्वारा मानकों को पूरा करने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कई जगह सीसी कैमरा, पर्याप्त कक्ष तो कहीं पर शिक्षकों की संख्या मानक के अनुसार नहीं है। यदि संस्थान मानक पर खरे नहीं उतरे तो मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है। इनसेट
इनकी होगी जांच
बाबू भीषम ¨सह इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजूकेशन गोझरी, कर्मयोगी कॉलेज ऑफ एजूकेशन मुलिहामऊ, कंचन डिग्री कॉलेज मनेहरू, महावीर ¨सह स्मारक महाविद्यालय कठवारा, आरडीजेएस कॉलेज कुंदनगंज, गुरुकुल प्रशिक्षण महाविद्यालय पुरासी हलोर, न्यू स्टैंडर्ड कॉलेज ऑफ हायर एजूकेशन सलेथू, बैसवारा एजूकेशन ट्रस्ट लालगंज, डॉ. राममनोहर लोहिया महाविद्यालय शांतिनगर, लालगंज, श्रीमती शिवा मौर्या टीचर्स ट्रे¨नग कॉलेज चरूहार, चौधरी चौहारी मौर्य स्मारक शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान, जलालपुर धई, मान्यवर कांशीराम महाविद्यालय चरूहार जियायक जलालपुर धई, पंचशील महाविद्यालय सम्राट अशोक नगर इटोरा बुजुर्ग और राजकली देवी महाविद्यालय लहेंगा छतोह शामिल है। 14 अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
डीएम ने जांच के लिए प्रत्येक संस्थान में एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें उपकृषि निदेशक प्रसार, डीएसओ, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा, जिला गन्ना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, जिला सेवायोजन अधिकारी, उपसंभागीय विपणन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सहायक निबंधक सहकारी समितियां और जिला भूमि संरक्षण अधिकारी है। 31 ¨बदुओं पर होगी जांच
जांच में 31 ¨बदुओं को शामिल किया गया है। इसी पर जांच रिपोर्ट तैयार करके डायट प्राचार्य को सौंपना होगा। इसमें बायोमीट्रिक उपस्थिति, पेयजल, शौचालय, कक्षा की वीडियो रिकॉर्डिंग, शिक्षकों की संख्या, कक्षा कक्षों की साज सज्जा, संस्थान के भवन का सौंदर्यीकरण, कुर्सी, मेज, कंप्यूटर, शिक्षण की स्थिति, शैक्षिक भ्रमण आदि पर रिपोर्ट देनी होगी।