इंतजार खत्म, जिले को मिलीं 1131 ईपॉस मशीन
जासं, रायबरेली : अब गरीबों के अनाज पर कोई तिकड़म नहीं चल सकेगा। हर पात्र को लाभ मिले,
जासं, रायबरेली : अब गरीबों के अनाज पर कोई तिकड़म नहीं चल सकेगा। हर पात्र को लाभ मिले, इसके लिए शहर के बाद ग्रामीण अंचलों में भी ईपॉस मशीन भेज दी गई है। मंगलवार को ओएसिस फर्म से मशीन कोटेदारों तक पहुंचाने के लिए तहसील मुख्यालयों पर पहुंचा दिया गया है। दिसंबर में इनके जरिये अनाज वितरण किया जाएगा। ऐसे में जिनकी अंगुलियों के निशान मशीन में नहीं मिलान होंगे, उन्हें मायूस होना पड़ सकता है। वहीं कोटेदारों की मनमानी भी खुलकर सामने आएगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को सस्ते दर में अनाज देने की व्यवस्था है। इसमें पात्र गृहस्थी को दो रुपये प्रति किग्रा गेहूं और तीन रुपये प्रति किग्रा चावल दिया जाता है। कोटेदार तो कभी विभागीय अधिकारियों पर अनाज धांधली के आरोप लगते रहे हैं। इसे रोकने के लिए शहरी क्षेत्र की दुकानों में ईपॉस मशीनें लगवा दी गई। शहर में सफल होने के बाद अब इसे ग्रामीण अंचल में लगवाया जा रहा है। मंगलवार को जिले की सभी दुकानों के लिए 1131 मशीनें आ गई हैं। इसे तहसील स्तर पर गोदाम में रखवा दिया गया है। इससे अब कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश लगना तय है। इनसेट
ग्रामीण क्षेत्र का ब्योरा
ग्राम सभा - 989
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान- 1131
पात्र परिवार- 5.50 लाख
कुल यूनिट- 18 लाख फर्म के कर्मचारी बताएंगे बारीकियां
ईपॉस मशीन संचालन में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए कोटेदारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी जिम्मेदारी नामित फर्म ओएसिस साइबरनेटिक्स प्रा.लि. के डिवीजन को सौंपी गई है। इसमें फर्म के कर्मचारी वितरण स्थल पर जाकर मशीन चालू करेंगे। साथ ही मशीन का प्रयोग कैसे किया जाएगा, इसके बारे में जानकारी देंगे। जिम्मेदार बोले
मशीन वितरण की जिम्मेदारी ओएसिस की है। मंगलवार को ग्रामीण अंचलों के वितरण के लिए मशीनें आ गई हैं। तहस ल स्तर पर रखवाई गई है। मशीनों के रखरखाव से लेकर कोटेदारों तक पहुंचाने तक की जिम्मेदारी फर्म की है। इस संबंध में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिया जा चुका है।
केएन ¨सह, जिला पूर्ति अधिकारी