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    प्रयागराज में 15 वर्ष पूर्व 35 हजार रुपये का हुआ था मनरेगा में गबन, तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक पर गिरी गाज, सेवा समाप्त

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:22 PM (IST)

    प्रयागराज के कोरांव ब्लॉक में 15 साल पहले मनरेगा के तहत तालाब खुदाई में 35 हजार रुपये का घोटाला हुआ था। इस मामले में अब तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक की सेवा समाप्त कर दी गई है। एडीओ पंचायत और ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। गबन की धनराशि पहले ही वसूली जा चुकी है।

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    प्रयागराज में 15 साल पुराने गबन के मामले में बर्खास्तगी और एफआइआर का आदेश हुआ है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यमुनापार के कोरांव ब्लाक क्षेत्र में 15 वर्ष पूर्व हुए 35 हजार रुपये के घोटाले के मामले में अब कार्रवाई की गई है। इसमें एक तकनीकि सहायक (टीए) व एक रोजगार सेवक की सेवा समाप्त कर दी गई है। वहीं इस गबन में शामिल रहे एडीओ पंचायत व एक ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। यही नहीं तत्कालीन बीडीओ भी जांच के दायरे में है।

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    सरकारी धन के लूट में ये लोग थे शामिल

    कोरांव ब्लाक क्षेत्र के रत्योरा करपिया गांव में 15 वर्ष पूर्व यह घोटाला हुआ था। वर्ष 2011 में यहां मनरेगा के तहत तालाब की खोदाई कराई गई थी। इसमें श्रमिकों की मजदूरी के नाम पर 35,308 रुपये का बंदरबाट हुआ था। सरकारी धन की इस लूट में मनरेगा के तकनीकि सहायक शिव कुमार और रोजगार सेवक प्रवीण पांडेय के साथ तत्कालीन सचिव समरजीत कैथल व राजेश कुमार सिंह (अब फूलपुर के एडीओ पंचायत) भी शामिल थे।

    रत्योरा करपिया गांव के निवासी ने डीएम से की थी शिकायत 

    गांव के अश्विनी तिवारी ने वर्ष 2018 में मामले की शिकायत डीएम से दर्ज कराई थी। इसकी जांच भी हो गई थी। घोटाले की पुष्टि के बाद डीएम ने कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन तत्कालीन अधिकारी फाइल दबाए बैठे रहे। इसी बीच घोटाले के आरोपित सचिव राजेश कुमार सिंह का एडीओ पंचायत पद पर प्रमोशन हो गया। इधर, शिकायतकर्ता लगातार लगातार कमिश्नर व डीएम के यहां फरियाद लगाता रहा, जिसके बाद अब मामले में कार्रवाई हुई है।

    पहले ही वसूली जा चुकी है गबन की धनराशि

    इस संबंध में उपायुक्त मनरेगा गुलाब चंद ने बताया कि इस मामले में घोटाले के आरोपियों से धनराशि की रिकवरी पहले ही हो चुकी है। अब तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक की सेवा समाप्त कर की गई है। वहीं कोरांव के बीडीओ को आरोपित तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ एफआइआर कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।

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