National Craft Fair : प्रयागराज में राष्ट्रीय शिल्प मेला आज से, भारत की कला और संस्कृति का दिखेगा अद्भुत संगम
National Craft Fair प्रयागराज में राष्ट्रीय शिल्प मेला आज सोमवार से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत आयोजित इस 32वें मेले में देश भर की कला, संस्कृति और खान-पान की झलक मिलेगी। 20 राज्यों के शिल्पकारों के 156 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें शिल्प उत्पाद और पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं। आंचलिक कलाओं का प्रदर्शन होगा और पद्मश्री मालिनी अवस्थी लोक संस्कृति की संध्या को रोशन करेंगी।

National Craft Fair उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के राष्ट्रीय शिल्प मेले में 10 दिनों तक मिनी भारत जुटेगा, केंद्र पहुंचे कलाकार। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। National Craft Fair साल भर से जिसका इंतजार था वह घड़ी आ गई है। धर्म, साहित्य, त्रिवेणी संगम और संस्कृति की नगरी प्रयागराज में आज एक दिसंबर से राष्ट्रीय शिल्प मेले की शुरुआत हो रही है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में 10 दिनों तक मिनी भारत जुटेगा।
इस बार 32वां आयोजन
National Craft Fair शिल्प उत्पाद, स्वाद और संस्कृति का अनूठा संगम शहर में होने जा रहा है। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के तहत राष्ट्रीय शिल्प मेला हर साल लगाया जाता है। इस बार उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का यह 32वां आयोजन है। इसमें पूरे देश की कला, सांस्कृतिक और खान-पान परंपरा की झलक मिलेगी।
129 स्टाल उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों के लिए
मेले में देश के 20 राज्यों से आए शिल्पकारों के लिए कुल 156 स्टाल लगाए जाएंगे। इनमें 129 स्टाल उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों के लिए होंगे, जबकि 27 स्टाल विभिन्न राज्यों के पारंपरिक और जायकेदार व्यंजनों के लिए समर्पित होंगे। आंचलिक कलाओं में असम, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न लोक कलाकार अपने राज्यों की आंचलिक लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। महोबा के शरद अनुरागी आल्हा गाएंगे, जबकि अंशिका रजोतिया सूफी गीत गाएंगी।
पद्मश्री मालिनी अवस्थी से जमेगी लोक संस्कृति की संध्या
National Craft Fair शिल्प हाट के मुक्ताकाशी मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के गायन से होगी। इनके अलावा प्रयागराज और अन्य राज्यों के कलाकार अपनी लोक संस्कृति की परंपरा की झलक दिखाएंगे। मेले को खूबसूरत बनाने के लिए अनेक राज्यों से मैदान कलाकार आए हैं जो रंग विरंगी वेशभूषा, बीन, ढोल और अन्य वाद्य यंत्रों के प्रदर्शन के साथ राष्ट्रीय शिल्प मेले का आगाज करेंगे।
जूट या कपड़े का झोला लेकर जाएं
केंद्र के निदेशक सुदेश शर्मा ने बताया है कि शिल्प मेले की भव्यता बनाए रखने के लिए देश भर से चुनिंदा शिल्प कारीगरों और स्वाद के उस्तादों को बुलाया गया है। मेले में आने वाले लोगों से अपेक्षा की गई है कि वे जूट या कपड़े के झोले लेकर आएं। मेले में प्लास्टिक और पालीथिन के उपयोग के रोकथाम करके पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे।

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