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आइआइटी टीम की निगरानी में सोलर उपकरण बनाएंगी महिलाएं

शासन की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर समूह की महिलाएं आंवले का उत्पाद मसाला बेबी ट्राई साइकिल आदि पर काम कर रही हैं। वहीं अब आने वाले दिनों में महिलाएं सोलर से जुड़े उपकरण बनाएंगी। इसके लिए जिले में सोलर स्टडी लैंप का प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी चल रही है। उनके इस काम में आइआइटी (पवई) मुंबई की टीम मदद करेगी। वहां के विशेषज्ञ क्षेत्र के समूहों से जुड़ी महिलाओं के जरिए उपकरण तैयार कराएगा। इसके बाद बाजार दाम से से काफी कम पर बिक्री होगी। क्षेत्र के गरीब महिलाओं को रोजगारपरक बनाने के लिए यह तैयारी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 11:09 PM (IST)
आइआइटी टीम की निगरानी में सोलर उपकरण बनाएंगी महिलाएं

प्रतापगढ़ : शासन की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर समूह की महिलाएं आंवले का उत्पाद, मसाला, बेबी ट्राई साइकिल आदि पर काम कर रही हैं। वहीं अब आने वाले दिनों में महिलाएं सोलर से जुड़े उपकरण बनाएंगी। इसके लिए जिले में सोलर स्टडी लैंप का प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी चल रही है। उनके इस काम में आइआइटी (पवई) मुंबई की टीम मदद करेगी। वहां के विशेषज्ञ क्षेत्र के समूहों से जुड़ी महिलाओं के जरिए उपकरण तैयार कराएगा। इसके बाद बाजार दाम से से काफी कम पर बिक्री होगी। क्षेत्र के गरीब महिलाओं को रोजगारपरक बनाने के लिए यह तैयारी चल रही है।

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जिले के पट्टी ब्लाक क्षेत्र के पंचायत भवन परसनी में लगाए जाने वाले सोलर स्टडी लैंप प्रोजेक्ट का संचालन आइआइटी (पवई)मुंबई की टीम की निगरानी में होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से यह प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है। समूह की महिलाएं यहां पर काम करेंगी। यहां पर सोलर लालटेन, लैंप, बैट्री सहित अन्य उपकरण तैयार होंगे। मुंबई से आने वाले मैटेरियल को वह तैयार करेंगी। इसके बाद बाजार रेट से सस्ते दर पर बिक्री होगी। प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती के प्रयास से यह प्रोजेक्ट लगने जा रहा है। उपकरण तैयार होने के बाद सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहालों को सोलर से जुड़े उपकरण केवल 100 रुपये में मिलेंगे। अभी भी तमाम परिवार बिजली से नहीं जुड़े हैं। गरीब होने के नाते उनके बच्चे बिजली के अभाव में नहीं पढ़ पाते। ऐसे में सोलर के उपकरण उनके लिए संजीवनी साबित होगी। जिला मिशन प्रबंधक रतन कुमार मिश्रा, सुमन पांडेय, सुनीता सरकार, अख्तर मसूद आदि इस पर पूरा जोर दे रहे हैं। डीसी एनआरएलएम ओपी यादव ने बताया कि सोलर स्टडी लैंप का प्रोजेक्ट लगाने की कवायद तेजी से चल रही है। उपकरण तैयार करने वाले महिलाओं का चिह्नीकरण हो रहा है। कैबिनेट मंत्री के प्रयास से जिले को बड़ी सौगात मिली है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।

ब्लाकों में खुलेंगी सोलर की दुकानें

सोलर के उपकरण खरीदने के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। उनकी सहूलियत के लिए सभी ब्लाकों में एक-एक दुकान खोली जाएगी। उसे क्षेत्र से जुड़ा कोई भी दुकान पर जाकर बाजार से सस्ते दाम पर उपकरण खरीद सकेगा। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए यह व्यवस्था की गई है।

ब्लाक कोऑर्डिनेटर करेंगे मॉनीटरिग

सोलर प्लांट से ब्लाक की दुकानों पर आने वाले उपकरण व बिक्री की पूरी मॉनीटरिग ब्लाक के कोऑर्डिनेटर की होगी। इसके लिए सभी ब्लाकों में क्वार्डिनेटर तैनात किए जाएंगे। जो प्रतिदिनि की रिपोर्ट डीसी एनआरएलएम और शासन को भेजेंगे। कितना सामान आया, कितने की बिक्री हुई, कितना स्टॉक में है। इसका पूरा लेखा जोखा उनके पास रहेगा। उनको सम्मानजनक मानदेय भी मिलेगा।

हो रहा महिलाओं का चयन

सोलर प्लांट में काम करने के लिए समूह की महिलाओं की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए महिलाओं का चयन हो रहा है। आजीविका मिशन की टीम योग्य महिलाओं को चयनित करके उनकी सूची तैयार कर रहा है। अक्टूबर माह के अंत तक इस पर काम तेजी से शुरू हो जाएगा।


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