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नमक-रोटी खाएंगे, परदेस नहीं जाएंगे

नमक रोटी ही खायेंगे पर अब शहर नहीं जायेंगे। यह कोई कहानी नहीं बल्कि गोरखपुर जिले के युवकों की जुबानी है। जो पूना से कंटेनर में बैठकर गोरखपुर अपने घर जा रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 06:04 AM (IST)
नमक-रोटी खाएंगे, परदेस नहीं जाएंगे
नमक-रोटी खाएंगे, परदेस नहीं जाएंगे

संसू, मकूनपुर : नमक रोटी ही खायेंगे पर अब शहर नहीं जायेंगे। यह कोई कहानी नहीं बल्कि गोरखपुर जिले के युवकों की जुबानी है। जो पूना से कंटेनर में बैठकर गोरखपुर अपने घर जा रहे थे। दैनिक जागरण टीम की नजर शनिवार की दोपहर कोहंड़ौर इलाके के मकूनपुर बाजार में एक कंटेनर पर पड़ी। इस पर गोरखपुर के युवक पूना से चलकर यहां तक पहुंचे थे। जब उन युवकों से दैनिक जागरण टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस आदेश की जानकारी दी, जिसमें यह तय है कि कोई भी प्रवासी या मजदूर अब ट्रक, पैदल अथवा साइकिल व मोटरसाइकिल से घर नहीं जाएगा। तो वे फट पड़े। बोले, लाक डाउन के बाद किसी राजनीतिक दल ने हम प्रवासी मजदूरों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं समझी। गोरखपुर के शैलेश कुमार ने सभी को शांत कराया और अपने अंदर के गुबार को संयत स्वर में समझाते हुए बोले, भइया सिर्फ इतना ही जान लो कि अब घर जाकर नमक रोटी खायेगें, पर परदेश नहीं जायेंगे। वह बोले की फरवरी में पूना में फर्नीचर बनाने का कार्य करने के लिए गए थे। मार्च में काम शुरू ही हुआ कि लॉकडाउन हो गया। महाराष्ट्र सरकार ने कुछ भी नहीं किया। तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से एकत्र किया और गुरुवार को कंटेनर में बैठ गए। अब आपके सामने हैं। गोरखपुर के ही सुरेन्द्र कुमार ने कहा की पूना में हम लोग भूखमरी की कगार पर थे। साथ में रहें महराजगंज के अमन कुमार तथा अनुपम कुमार ने बताया कि सही सलामत घर पहुंच जाएं,यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात हैं।

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ढकवा बाजार संवाद सूत्र के अनुसार एक ट्रक पर बैठकर मुंबई से लखीमपुर सीतापुर जा रहे फैजुद्दीन, इरफान, लुकमान सहित दर्जनों लोगों को जागरण टीम ने रोक लिया। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले चले हैं। घर पहुंच जाएं बस। ट्रक से सोनीपत से आजमगढ़ को रवाना हुए श्रमिक

संसू, लालगंज, प्रतापगढ़ : सोनीपत में रह रहे आजमगढ़ क्षेत्र के 47 श्रमिक आनन फानन रोडवेज डिपो पहुंचे। लेकिन वहां पर लाइन में खड़े पहले से मौजूद लोगों को सरकारी बसों से रवाना कर दिया गया और आजमगढ़ के लिए निकले मजदूरों को बस न मिल सकी। इसी बीच वहां मौजूद पुलिस ने उधर से गुजर रहे एक ट्रक को रुकवाकर उस पर सभी 47 श्रमिकों को बैठाकर आजमगढ़ के लिए रवाना कर दिया। सगरासुंदरपुर स्थित पेट्रोल पंप के पास ट्रक पर सवार लोग पानी पीने के लिए रुके। जागरण टीम को ट्रक चालक संदीप ने बताया कि पुलिस के कहने पर सोनीपत से शुक्रवार की शाम इन श्रमिकों को लेकर चला हूं। अब तक चार जगह सभी की थर्मल जांच हुई है। प्रयागराज से पैदल पहुंचा जामताली, नहीं मिली बस

संसू रानीगंज : जामताली गांव निवासी शेर अली मुंबई में बांद्रा में ताला चाबी बनाने का काम करते थे। किसी तरह वह 12 मई को बार्डर तक पैदल पहुंचे, फिर यहां से बस द्वारा मध्य प्रदेश पहुंचे। वहां से सरकार की तरफ से बस द्वारा प्रयागराज पहुंचा। प्रयागराज से साधन न मिलने से वह शनिवार की सुबह जामताली के लिए पैदल चल पड़े। प्रयागराज से अंदावा सहसों तक पैदल चले, फिर बाइक से किसी तरह रानीगंज पहुंचे। रानीगंज से साधन न मिलने पर वह पैदल जामताली गए। लुधियाना में सिलाई का काम कर रहे जरियारी गांव के हरिश्चंद्र यादव शाहपुर गांव के ओमप्रकाश पाल कृष्ण कुमार यादव लुधियाना में मजदूरी का काम करते थे। वह ट्रेन द्वारा प्रतापगढ़ आए, यहां से राजापुर में क्वारेंटाइन किए गए थे, शनिवार को तीनों लोगों को क्वारेंटाइन से छोड़ा गया। साधन न मिलने से तीनों पैदल अपने घर की ओर चल दिए। एसडीएम रानीगंज राहुल कुमार यादव का कहना है कि कोई भी पैदल नहीं जा रहा है। सभी को साधन से पहुंचाया जा रहा है।


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