आखिर कब मिलेगा महिला मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा
कुंडा एक तरफ सरकार मजदूरों को उनके गांव में ही सौ दिन का काम देने का वादा कर र
कुंडा : एक तरफ सरकार मजदूरों को उनके गांव में ही सौ दिन का काम देने का वादा कर रही तो दूसरी तरफ काम करने के बाद महीनों से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला कुंडा वन विभाग का सामने आया है। यहां पर दो माह तक लगातार काम करने के बाद भी महिला मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा अभी तक नहीं मिला। महिलाएं अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट रही हैं।
कुंडा नगर पंचायत के नरसिंहगढ़ स्थित वन विभाग की नर्सरी में नगर के नरसिंहगढ़, महुआतर गांव की रहने वाली दिव्या, चंद्रकली, तारा देवी, रंजीता, केवला देवी, अमरावती, मीना, राज कुमारी, चकला देवी, अनारा देवी समेत महिलाएं बेरोजगार हैं। परिवार का खर्च चलाने के लिए पति-पत्नी दोनों मेहनत करते हैं। इन महिलाओं ने परिवार के खर्च में हाथ बंटाने के लिए वन विभाग की नर्सरी में 210 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से काम करना शुरू कर दिया। इन महिला मजदूरों ने दो माह तक काम करने के बाद जब अपनी मजदूरी मांगी तो आज कल कहते कहते पांच माह का समय बीत गया। अब इन महिलाओं को उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिल पा रहा है। वन विभाग के आलाधिकारी भी उनके भुगतान करने से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में मंगलवार को महिलाओं ने एसडीएम कुंडा सतीश चंद्र त्रिपाठी को अपना ज्ञापन सौंपकर मजदूरी दिलाएं जाने की गुहार लगाई है। एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि उक्त मांग डीएफओ प्रतापगढ़ को भेजकर मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा दिलाया जाएगा। गांवों में मोहल्ला कक्षा से संवार रहे बच्चों का भविष्य : परिषदीय स्कूलों के शिक्षक -शिक्षिकाएं गांवों में मोहल्ला कक्षाओं के जरिए नौनिहालों का भविष्य संवारने में तल्लीन हैं। विकासखंड गौरा के परिषदीय स्कूलों के शिक्षक स्कूल टाइम में गांव में कक्षाएं संचालित कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चे खुश दिख रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय महोथरी की शिक्षिका दीपा यादव, जयश्री व शिक्षामित्र गायत्री यादव गांव में मोहल्ला कक्षा लगाकर बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लंबे वक्त से स्कूल कालेजों में पठन-पाठन ठप है। इसका असर नौनिहालों की शिक्षा पर पड़ रहा था। इधर विभाग के निर्देशों के तहत परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब गांव में मोहल्ला कक्षा लगाकर बच्चों को पढ़ाने में जुट गए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी विमलेश तिवारी का कहना है कि विभाग के निर्देशों के तहत गांव में शिक्षक मोहल्ला कक्षा के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं और जागरूक कर रहे हैं।