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डीएपी वितरण के दौरान भोजेमऊ समिति पर हंगामा, पुलिस ने संभाला मोर्चा

डीएपी के वितरण के लिए समितियों पर की गई व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। ऐसे में हर दिन डीएपी के लिए लाइन में लगे किसान हंगामा कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। कई समितियों पर मांग के अनुरूप डीएपी नहीं पहुंचाई गई है। इसे लेकर किसानों में खासा रोष है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:18 PM (IST)
डीएपी वितरण के दौरान भोजेमऊ समिति पर हंगामा, पुलिस ने संभाला मोर्चा

जागरण टीम, प्रतापगढ़ : डीएपी के वितरण के लिए समितियों पर की गई व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। ऐसे में हर दिन डीएपी के लिए लाइन में लगे किसान हंगामा कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। कई समितियों पर मांग के अनुरूप डीएपी नहीं पहुंचाई गई है। इसे लेकर किसानों में खासा रोष है।

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बीरापुर प्रतिनिधि के अनुसार शिवगढ़ ब्लॉक के पांडेय तारा भोजेमऊ साधन सहकारी समिति पर गुरुवार को डीएपी के वितरण के दौरान हंगामा शुरू हो गया । सूचना पर फतनपुर पुलिस पहुंची तो लोगों को लाइन में लगवा कर डीएपी वितरण कराया। शिवगढ़ व गौरा ब्लाक के साधन सहकारी समितियों पर डीएपी लेने के लिए किसानों की भीड़ टूट पड़ी। कतार में खड़े होने के दौरान धक्का-मुक्की शुरू हो गई। गुरुवार को सुबह से ही पांडेय तारा भोजेमऊ साधन सहकारी समिति पर डीएपी के लिए किसानों की भीड़ लग गई थी। सचिव अरविद कुमार सिंह ने बीच में ही वितरण बंद कर सूचना फतनपुर पुलिस को दी। सूचना पर उपनिरीक्षक कौशलपति यादव पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर उन्हें लाइन में लगवाया। सचिव ने बताया कि 360 बोरी डीएपी आई थी, जिसका वितरण किया जा रहा था कि लोग हंगामा करने लगे। एडीओ कोआपरेटिव दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि बीरापुर में डीएपी का वितरण शुक्रवार को किया जाएगा, जिन समितियों पर डीएपी पहुंची है, वहां वितरण किया जा रहा है।

इसी तरह आसपुर देवसरा प्रतिनिधि के अनुसार देवसरा क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों में खाद नहीं मिल रही है ,जिससे किसान दिन भर खाद के आने की चाह में बैठे रहते हैं, दोपहर बाद डीएपी न मिलने पर बैरंग वापस लौट रहे हैं । इस समय सहकारी समित अतरौरा, आमापुर, आसपुर देवसरा, उदई शाहपुर आदि समितियों में डीएपी खाद की कमी से किसान बराबर चक्कर काट रहे हैं । लेकिन समिति पर खाद न आने से किसान अधिक मूल्य पर नकली खाद प्राइवेट दुकानों से खरीदने को मजबूर है। प्राइवेट दुकानों की खाद खेतों में डालने पर खाद का असर नहीं लग रहा है,। इससे किसानों में परेशानी महसूस हो रही है। पट्टी प्रतिनिधि के अनुसार डीएपी के संकट ने किसानों की खेती के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। मांग के अनुसार डीएपी न मिलने से किसानों के आलू व गेहूं की खेती पिछड़ती जा रही है। ऐसे में जैसे ही डीएपी आने की सूचना किसानों को मिलती है, समितियों पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ती है। ऐसे में समिति के सचिव भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस का सहारा ले रहे हैं गुरुवार को पुरानी पट्टी स्थित समिति में डीएपी आई तो यहां पर भी कोतवाली पुलिस की देखरेख में डीएपी वितरित की गई।

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