जनता की समस्याओं के निस्तारण में तीन घंटा आरक्षित
कोरोना के संक्रमण से हर कोई डरा सहमा है। लोग संक्रमण की डर से घर के बाहर नहीं
कोरोना के संक्रमण से हर कोई डरा सहमा है। लोग संक्रमण की डर से घर के बाहर नहीं निकल रहे हैं। अफसर भी फील्ड में निकलने से बच रहे हैं। ऐसे में जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। डीएम के निर्देश पर अब जिले भर के सारे विभागों के जिला स्तरीय अफसर प्रतिदिन निर्धारित समय में अपने कार्यालय में मौजूद रहेंगे। जनता द्वारा कार्यालय में पहुंचने वाली शिकायतों का निस्तारण करेंगे।
ग्राम पंचायतों में मानक के अनुरूप विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। लेखपाल व सचिव गांव में नहीं जाते हैं। पात्र को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इस तरह की शिकायतें आए दिन ब्लाकों में पहुंच रही हैं। जब इसका निस्तारण ब्लाक के एडीओ पंचायत व बीडीओ नहीं करते हैं तो शिकायतकर्ताओं को घंटों सफर करके जिला मुख्यालय आना पड़ता है। सवाल यह है कि अगर ब्लाक के अफसर पूरी जिम्मेदारी के साथ जनता की समस्याओं का निस्तारण करें तो शायद शिकायतकर्ता को जिला मुख्यालय व विकास भवन न जाना पड़े। जनता की समस्याओं के निस्तारण करने व उनकी सहूलियत के लिए डीएम ने सभी विभागों के अफसरों का निर्देशित किया है कि वह प्रतिदिन दिन में 11 से एक बजे तक अपने कार्यालय में मौजूद रहे। इसमें केवल जनता की समस्याओं की जनसुनवाई हो। उसका बकायदा निस्तारण हो। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। डीएम के फरमान का अमल शुरू हो गया है।
सभी जिला स्तरीय व बीडीओ को साफ तौर पर कहा गया है कि वह दिन में 11 से एक बजे तक अपने कार्यालय में रहेंगे। जनता की समस्याओं की सुनवाई करेंगे। उसका निस्तारण करेंगे। जो भी लापरवाही बरतेगा, उसके विरुद्ध ठोस कदम उठाया जाएगा।
-अश्वनी कुमार पांडेय, सीडीओ