कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों ने लगाई आस्था की डुबकी
मानिकपुर नगर के ज्वालामुखी देवी धाम के पास पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेले में मंगलवार को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।
संसू, कुंडा : मानिकपुर नगर के ज्वालामुखी देवी धाम के पास पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेले में मंगलवार को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। पूर्णिमा पर स्नान करने की लालसा में दूर-दूर से लोग आए। देर शाम तक मानिकपुर, सलोन, सहिजनी, गोतनी समेत सभी प्रमुख मागरें पर ट्रैक्टर, जीप, मैजिक, टेंपो, मिनी बस एवं रोडवेज बसों की कतार रही। मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर भी भक्तों की भारी भीड़ रही। सोमवार को रात लगभग सवा बारह बजे से ही भक्तों ने गंगा स्नान शुरू कर दिया था। इसके बाद देवी मां के दर्शन किए। भोर में ढाई बजे के बाद शाहाबाद गंगा घाट पर तिल रखने की जगह न बची। मेला मजिस्ट्रेट एसडीएम मोहन लाल, सीओ राधेश्याम, एसओ डीएन यादव, नवाबगंज एसओ आशुतोष त्रिपाठी के साथ ही चार एसओ, 25 एसआइ, 71 आरक्षी व डेढ़ प्लाटून पीएसी लगी रही। मंदिर ट्रस्ट के सचिव डा. विजय यादव ने कहा कि प्रशासन की व्यवस्था संतोषजनक रही।
गुल होती रही बिजली
पूर्णिमा मेले के मद्देनजर जिला प्रशासन व बिजली विभाग ने 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति कराने का भरोसा दिया था। मौके पर ऐसा नहीं हो सका। मुख्य स्नान पर्व की संध्या से लेकर मुख्य मेले के दिन बार-बार कटौती होती रही।
मुंडन कराकर दिया दान
गंगा स्नान करने आए तमाम भक्तों ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया। सत्य नारायण की कथा सुन हवन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर गोदान का विशेष महत्व माना गया है। भक्तों ने तीर्थ पुरोहितों को गोदान किया।
पलटने से बची नाव
पूर्णिमा मेले में मंगलवार को मुख्य स्नान पर्व पर गंगा नदी में चलने वाली छोटी नावें खुलेआम हादसे को दावत दे रही थीं। प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। मेला के दौरान छोटी नावों पर रोक नहीं लगाई। एक छोटी नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को भरकर ले जाने के दौरान वह नदी में पलटने से बची।
पुरखों के बारे में जाना
मानिकपुर का मेला पुरखों का सजरा रखता है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुरोहित संघ द्वारा रात में ठहरने की व्यवस्था की गई है। अध्यक्ष बीएन मिश्रा ने कई लोगों ने अपने पूर्वजों के बारे में जानकार ली। उनको उनके बारे में बताया गया।