तीन तलाक पीड़िताओं के लिए थानों में होगा अलग रजिस्टर
जासं प्रतापगढ़ अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश ने तीन तलाक मामलों से पीड़ित महिलाओं के अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश ने तीन तलाक मामलों से पीड़ित महिलाओं के मामले दर्ज करने को थानों में अलग व्यवस्था की सिफारिश की है।
जासं, प्रतापगढ़ : अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश ने तीन तलाक मामलों से पीड़ित महिलाओं के मामले दर्ज करने को थानों में अलग व्यवस्था की सिफारिश की है। ऐसे मामलों की विवेचना करने को महिला पुलिस कर्मी की भी अलग से तैनाती हो।
यह बात शुक्रवार को प्रतापगढ़ के दौरे पर आए अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविदर सिंह ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था के बारे में प्रमुख सचिव गृह से शीघ्र ही वार्ता की जाएगी। उम्मीद है कि यह व्यवस्था जल्द ही थानों में लागू होगी। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कई कार्य केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार कर रही है। अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम को 12 साल बाद पुन: चालू किया गया है। इसके जरिए अल्पसंख्यक समाज के युवकों-युवतियों को रोजगार के लिए एक से 20 लाख तक के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे।
सदस्य परविदर ने सीएए के मसले पर कांग्रेस व सपा पर हमला बोला। कहा कि अल्पसंख्यकों को वोट बैंक समझने वाली कांग्रेस आज इसलिए परेशान है क्योंकि कि भाजपा सरकारें अल्पसंख्यकों को सही मायने में विकास का मौका दे रही हैं। पहली बार तीन तलाक से पीड़ित महिला को छह हजार रुपये प्रति माह देने का कार्य सरकार करने जा रही है। अल्पसंख्यकों की सूची में आने वाले जैन, सिख एवं ईसाई समाज के लोगों को भी सरकार ध्यान में रखते हुए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। अल्पसंख्यकों की लड़कियों के लिए सामूहिक विवाह कराए जाएंगे। सीएए के मुद्दे पर अल्पसंख्यकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उनके लिए इसमें कहीं भी कोई अहित की बात नहीं है। प्रतापगढ़ को लेकर में1984 के दंगों पर प्रश्न का उत्तर देते हुए सिंह ने कहा कि यहां के लिए किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है। अगर आती है इसकी भी वह विधिवत जांच कराएंगे और पीड़ित को न्याय अवश्य दिलाया जाएगा। मदरसों, माइनारटीज के कोई भी शिक्षण संस्थान में स्कालरशिप एवं मिड डे मील को गहनता से देखा जाएगा। जहां नहीं चल रहा है, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।