संत का कार्य समाज का मार्गदर्शन, सियासत नहीं
संत का कार्य समाज का मार्गदर्शन करना होता है।
जासं, प्रतापगढ़ : संत का कार्य समाज का मार्गदर्शन करना होता है। जीव को परमसत्ता से जोड़कर उसका कल्याण करना है। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलना है। राजनीति करना नहीं। जो संत राजनीति करे, फिर वह खुद को संत न कहें।
यह बात वृंदावन की कथा वाचिका देवी महेश्वरी श्रीजी ने कही। राम कथा आयोजन में प्रतापगढ़ आईं कथा व्यास ने किशोरी सदन में बुधवार को पत्रकारों से कई मसलों पर बात की। कहा कि राम व कृष्ण एक हैं। उनके आदर्शों पर चलने को प्रेरित करने का काम कथा से होता है। मर्यादा, संस्कार देकर समाज को सुंदर बनाने में कथाएं योगदान देती हैं। महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार के सवाल पर देवी महेश्वरी ने कहा कि बदलते माहौल में नारी को सशक्त बनाने की जरूरत है, ताकि वह अपनी रक्षा कर सके। आडंबरी संतों के फैलते जाल के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का वैभव नासमझ लोगों के बल पर है। वह राम रहीम, आसाराम जैसों को बिना परखे गुरु मान लेते हैं। सीएए का समर्थन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि हिसा करने वाले लोग भटके हुए हैं।
कथा का हुआ श्रीगणेश
नगर के किशोरी सदन में विश्व मंगल परिवार द्वारा आयोजित श्रीराम कथा का विधि-विधान से पूजन कर शुभारंभ किया गया। पहले दिन देवी महेश्वरी ने कहा कि नाम महिमा अपार है। कलयुग में नाम की इतनी महिमा है कि यज्ञ, ध्यान, पूजन, अनुष्ठान इत्यादि की कोई जरूरत नहीं है। सच्चे संत के सानिध्य में बैठकर सत्संग करें, आधी घड़ी के सत्संग में भी कुछ विचार अगर अपने मन मे धारण कर लेंगे तो जीवन सफल हो जाएगा। इस मौके पर रतन चंद्र जैन, शरद केसरवानी, डा. पीयूषकांत शर्मा, अश्विनी केसरवानी, संजीव आहूजा, मयंक चतुर्वेदी, श्रीराम मिश्र, पंकज मिश्र, अमितेंद्र श्रीवास्तव आदि भी मौजूद रहे।