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मेठ की जिम्मेदारी निभाएंगी समूह की महिलाएं

संडवा चंद्रिका मनरेगा कार्यों में श्रमिकों की देख रेख के लिए समूह की महिलाओं को मेठ बना

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 10:42 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 10:42 PM (IST)
मेठ की जिम्मेदारी निभाएंगी समूह की महिलाएं

संडवा चंद्रिका : मनरेगा कार्यों में श्रमिकों की देख रेख के लिए समूह की महिलाओं को मेठ बनाया जाएगा। शासन के इस फरमान पर स्थानीय ग्राम पंचायतों में 69 महिलाओं को मेठ बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। सरकार ग्राम पंचायतों में गठित की गई महिला समूहों में कार्य कर रही है। महिलाओं को आजीविका मिशन से जोड़ कर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाला पौष्टिक आहार का पैकेट तैयार करने की भी जिम्मेदारी समूहों पर ही है। अब उन्हें ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे मनरेगा के कार्यो में मेठ का भी दायित्व सौंपे जाने का फरमान हुआ है। दो दिन पहले शासन के आए इस आदेश पर ब्लाक से महिला समूह के महिलाओं को मेठ बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। शासनादेश के मुताबिक 25 मनरेगा श्रमिक पर एक मेठ की तैनाती की जाएगी, जिन्हें मनरेगा के बजट से श्रमिकों के साथ उनके पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा। एडीओ आइएसबी शरद कुमार शुक्ला ने बताया कि महिला समूह की महिलाओं को मेठ बनाए जाने के आदेश पर सभी ग्राम पंचायतों से एक-एक महिला को मेठ बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। अभी सभी ग्राम पंचायतों में और भी मेठ बनाने का कार्य किया जाएगा। सप्ताह भर बाद भी गांवों का नहीं हुआ आवंटन : हाल में ही करीब दर्जन भर ब्लाकों में तीन साल से तैनात दर्जनों सचिवों को दूसरे ब्लाक में स्थानांतरित कर दिया गया था। उनको ब्लाक से रिलीव भी कर दिया गया। चार दिनों से सचिवों को गांव आवंटित किए जाने की कवायद चल रही है, लेकिन अभी तक आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। नतीजा यह रहा कि अभी भी 150 से अधिक गांव में सचिवों की तैनाती नहीं हो सकी। इससे विकास कार्य ठप पड़ा है।

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पंचायतीराज विभाग व ग्राम्य विकास विभाग में मिलाकर करीब 200 सचिव हैं। सप्ताह भर पहले करीब 40 सचिवों का ट्रांसफर दूसरे ब्लाकों में कर दिया गया। यह ऐसे सचिव थे, जिनकी तैनाती पिछले तीन सालों से एक ही ब्लाक में थी। सचिवों का ट्रांसफर हुआ। वह ब्लाक में जाकर ज्वाइन भी कर लिए हैं, लेकिन अभी तक उनको गांव आवंटित नहीं किए गए। ऐसे में बिना सचिव के विकास कार्य ठप पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार जो सचिव ट्रांसफर होकर आए हैं। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।


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