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लॉकअप में बंद शख्स ने किया चौराहे पर लूट का प्रयास

दिनेश ¨सह, प्रतापगढ़ : लॉकअप में बंद आदमी उसी समय चौराहे पर लूट का प्रयास कर डाले। यह

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 10:29 PM (IST)
लॉकअप में बंद शख्स ने किया चौराहे पर लूट का प्रयास
लॉकअप में बंद शख्स ने किया चौराहे पर लूट का प्रयास

दिनेश ¨सह, प्रतापगढ़ : लॉकअप में बंद आदमी उसी समय चौराहे पर लूट का प्रयास कर डाले। यह सुनकर आप चौंक जाएंगे। लेकिन राजनीतिक दबाव में कंधई पुलिस ने यह अनूठा मुकदमा दर्ज करने का कारनामा कर डाला है। जब दैनिक जागरण ने इस पर सवाल उठाए तो अफसर बहाने बना रहे हैं।

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मामला मंगरौरा ब्लाक प्रमुख कंचन वर्मा के परिवार से जुड़ा है। अपना दल से जुड़ी ब्लाक प्रमुख की कुर्सी हिलाने के लिए लंबे समय से साजिश की जा रही है। इस राजनीतिक लड़ाई में पुलिस भी आंख मूंद कर कूद पड़ी। उसने प्रमुख के पति कुलदीप पटेल के खिलाफ लूट व लूट के प्रयास के दो दो मुकदमे भी दर्ज कर डाले। आम तौर पर सच्ची घटनाओं को कई कई दिन तक टरकाने वाली पुलिस ने कुलदीप के खिलाफ कार्रवाई करते वक्त यह भी नहीं देखा कि जिस समय जिस शख्स के खिलाफ वह मुकदमा दर्ज कर रही है। वह शख्स उस समय इसी थाने की लॉकअप में बंद है।

हुआ यों कि चार मार्च को ब्लाक प्रमुख के भाई अमर बहादुर वर्मा को कंधई पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में शाम साढ़े पांच बजे किशुनगंज चौराहे से गिरफ्तार किया और पांच मार्च दोपहर तीन बजे सीएचसी कोहड़ौर में मेडिकल कराया। यानि अमरबहादुर चार मार्च शाम साढ़े पांच बजे से पांच मार्च सांय तीन बजे तक पुलिस कस्टडी में था। अब पांच मार्च को ही पुलिस ने अमर बहादुर और उनके जीजा यानि ब्लाक प्रमुख के पति कुलदीप पटेल के खिलाफ लूट के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज कर डाला। जिसमें आरोप लगाया गया कि चार मार्च की शाम छह बजे किशुनगंज चौराहे पर इन दोनों ने अपने दो अन्य साथियों के साथ कंसापट्टी निवासी राम प्रताप वर्मा से लूट का प्रयास किया। डेढ़ महीने क्या कर रहे थे विवेचक

दैनिक जागरण ने इस अनूठे मुकदमे पर सीओ पट्टी रवि कुमार ¨सह से सवाल किया तो उन्होंने माना कि यह प्रकरण उनकी जानकारी में है। उन्होंने दावा किया कि झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मगर सवाल है कि यह काम पुलिस ने डेढ़ महीने तक क्यों नहीं किया? फिर इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने वाला दोषी है तो क्या पुलिस इस लापरवाही की दोषी नहीं है?।


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