एंटीरेबीज इंजेक्शन का अकाल, कराह रहे घायल
प्रतापगढ़ : जिले में एंटीरेबीज इंजेक्शन की कमी हो गई है। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतापगढ़ : जिले में एंटीरेबीज इंजेक्शन की कमी हो गई है। श्वान, बंदर व जंगली सुअर के काटने से कराहते लोग सीएचसी व पीएचसी में भटक रहे हैं। जिला अस्पताल में उनको कतार में धक्के खाने पड़ रहे हैं। वहां से भी न मिलने पर हजारों रुपये जेब से खर्च करके अपनी जान बचाने को लोग विवश हैं। इसकी वजह इंजेक्शन की आपूर्ति कम होना है। पट्टी संसू के अनुसार क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों से एंटी रेबीज इंजेक्शन पिछले एक माह से नहीं है। श्वान, सुअर व बंदर के काटने से प्रभावित मरीज इधर-उधर भटकने को विवश हैं। तहसील मुख्यालय के एफआरयू सेंटर सीएचसी पट्टी सहित क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक सीएचसी व इतने ही पीएचसी चल रहे हैं। किसी भी अस्पताल में इंजेक्शन नहीं है। इसके चलते सीएचसी पट्टी में आने वाले दर्जनों मरीज मायूस होकर वापस लौट जाते हैं।
हम जाएं तो जाएं कहां : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोहड़ौर में पिछले एक माह से एंटीरेबीज के इंजेक्शन नहीं है। इसके कारण दर्जनों पीड़ित नहीं लगवा पा रहे हैं। वह इंजेक्शन न होने के कारण जिला अस्पताल की राह देखते हैं। वहां भी कतार लगी रहती है। मदाफरपुर गांव से शंकर लाल, कोनी से रुखशाना बेगम, सरौली से जाहिदा खातून तथा धरौली मुफरिद से देव नारायण कुत्ता काटने पर इंजेक्शन लगवाने आए थे, लेकिन नहीं लगा। वह सवाल करने लगे कि हम कहां जाएं। सीएचसी कोहंड़ौर के अधीक्षक डा. भरत पाठक ने बताया कि लगभग बीस दिनों से कुत्ता काटने का इंजेक्शन अस्पताल में नहीं है, डिमांड की गई है। मुख्यालय पर जैसे ही इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएगा, सीएचसी पर भी लगने लगेगा।