कौशांबी के पीसीएफ के जिला प्रबंधक पर भी कसेगा शिकंजा
जिले में करोड़ों रुपये की डीएपी गबन के मामले में कौशांबी के पीसीएफ के जिला प्रबंधक पर भी शिकंजा कसेगा। स्टाक शून्य होने के बाद भी उन्होंने गोदाम में डीएपी उपलब्ध होने की रिपोर्ट सौंप दी थी।
संसू, प्रतापगढ़ : जिले में करोड़ों रुपये की डीएपी गबन के मामले में कौशांबी के पीसीएफ के जिला प्रबंधक पर भी शिकंजा कसेगा। स्टाक शून्य होने के बाद भी उन्होंने गोदाम में डीएपी उपलब्ध होने की रिपोर्ट सौंप दी थी।
नगर कोतवाली के बड़नपुर व खजोहरी स्थित पीसीएफ के गोदाम से 1055 मीट्रिक टन डीएपी अफसरों की मिलीभगत से साधन सहकारी समिति के सचिवों के माध्यम से ब्लैक में बेच दी गई थी। इस मामले का राजफाश होने पर पीसीएफ के जिला प्रबंधक धनंजय तिवारी ने गोदाम के इंचार्ज भंडार नायक संतोष कुमार निवासी सिगाही (सराय सेतराय) थाना रानीगंज के खिलाफ नगर कोतवाली में नवंबर मे गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था।
मुकदमा दर्ज कराने के बाद से फरार चल रहे निलंबित भंडार नायक संतोष कुमार पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके मंगलवार को जेल भेज दिया था। कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद पुलिस ने उसे लेकर मऊआइमा, कानपुर सहित विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी।
अभी तक की जांच में पुलिस ने यह पाया है कि डीएपी गायब होने का मामला सामने आने के बाद पीसीेएफ के प्रयागराज के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार ने मामले की जांच कौशांबी के जिला प्रबंधक हरेंद्र कुमार को सौंप दी थी। कौशांबी के जिला प्रबंधक ने यह जांच अपने जिले के भंडार नायक से कराई थी, जो मानक के विपरीत था। यही नहीं, स्टॉक शून्य होने के बाद भी कौशांबी के जिला प्रबंधक ने गोदाम में डीएपी उपलब्ध होने की रिपोर्ट सौंप दी थी। ऐसे में इस मामले में कौशांबी के जिला प्रबंधक पर भी पुलिस का शिकंजा कसेगा। मुकदमे की विवेचना कर रहे एसएसआइ भृगुनाथ मिश्र ने बताया कि सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।