हज करने की जायरीनों की हसरत रह गई अधूरी
पवित्र हज यात्रा पर जाने का मौका इस बार जिले के जायरीनों को नहीं मिल सका। कोरोना के कारण उनकी हसरत पूरी न हो सकी। प्रदेश हज कमेटी की देखरेख में हर साल हज यात्रा आयोजित की जाती रही है। जब कोरोना की दस्तक नहीं हुई थी तो जिले से सैकड़ों की संख्या में लोग मक्का-मदीना जाते थे। बड़ी धूमधाम से उनको विदा किया जाता था। कोई अकेले तो कोई पति या पत्नी संग जाता था।
जासं, प्रतापगढ़ : पवित्र हज यात्रा पर जाने का मौका इस बार जिले के जायरीनों को नहीं मिल सका। कोरोना के कारण उनकी हसरत पूरी न हो सकी। प्रदेश हज कमेटी की देखरेख में हर साल हज यात्रा आयोजित की जाती रही है। जब कोरोना की दस्तक नहीं हुई थी तो जिले से सैकड़ों की संख्या में लोग मक्का-मदीना जाते थे। बड़ी धूमधाम से उनको विदा किया जाता था। कोई अकेले तो कोई पति या पत्नी संग जाता था। कुछ के बच्चे भी साथ जाते थे। जब से कोरोना का हमला शुरू हो गया यह यात्रा बाधित होने लगी। पिछले साल भी कोई नहीं जा सका था। इस साल का हाल तो और ही खराब रहा। कोरोना के डर से केवल 65 लोगों ने आवेदन ही किया। पहले हज यात्रियों के लिए उम्र 65 साल होती थी। इस बार इसे कम करके 60 कर दिया गया।
ऐसे में जिले से जो 65 लोग आवेदन किए थे, उनमें से केवल 11 ही पात्र पाए गए। बाकी की उम्र 60 साल से अधिक पाए जाने से वह छंट गए। अब जो 11 पात्र मिले, उनको कहा गया कि वह कोरोना का टीका लगवा लें। अपनी जांच भी करा लें, तभी वह वीजा के लिए आवेदन करने के हकदार माने जाएंगे। इस पर यह लोग पीछे हट गए। टीका लगवाने को नहीं तैयार हुए। किसी तरह एक-दो लोगों ने काफी समझाने के बाद टीका लगवाया। कुछ उम्मीद जगी कि इसी बीच सउदी सरकार ने खुद ही हज यात्रा पर रोक लगा दी। कहा कि भारत से जायरीन हज यात्रा करने न आएं, क्योंकि कोरोना का खतरा बना हुआ है। सउदी सरकार के इस कदम से रही सही उम्मीद भी खत्म हो गई। जुलाई में होने वाली यह यात्रा रद हो गई। इससे जायरीन मायूस हो गए। वह मन ही मन में मदीने वाले को अपना सलाम भेज रहे हैं। हज कमेटी के प्रतापगढ़ के सदस्य जफर फारुक जाफरी का कहना है कि कमेटी की तैयारी पूरी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण इस बार भी आवेदक मायूस हो गए। वह पवित्र यात्रा पर नहीं जा पाएंगे।