बिना सलाह एंटीबायोटिक दवाएं लेना बना मुसीबत
बिना चिकित्सक की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेना बहुत से लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। अब उनको बुखार जुकाम में दी जा रही एंटीबायोटिक दवाएं असर ही नहीं कर रही हैं। ऐसे कई मरीज हर दिन अस्पतालों में आ रहे हैं।
जासं, प्रतापगढ़ : बिना चिकित्सक की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेना बहुत से लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। अब उनको बुखार, जुकाम में दी जा रही एंटीबायोटिक दवाएं असर ही नहीं कर रही हैं। ऐसे कई मरीज हर दिन अस्पतालों में आ रहे हैं।
कोरोना काल में लोगों में दहशत थी। वह किसी भी दशा में संक्रमण से बचना चाहते थे। ऐसे में लोग खुद ही अपने चिकित्सक बन गए। बिना अस्पताल गए व बिना चिकित्सीय सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते रहे। एंटीबायोटिक दवाओं की भारी खपत भी इस ओर इशारा करती है। लोगों ने बिना चिकित्सीय सलाह के हाई एंटीबायोटिक दवाएं खाना शुरू कर दिया। इससे उनको तत्काल राहत तो मिली, पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम का वह अंदाजा न लगा सके। अब उनको इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बहुत से लोगों के लिए समस्या बन गई है। चिकित्सकों के पास ऐसे मरीज आ रहे हैं जिनको बुखार की और एंटीबायोटिक दवाएं अब असर ही नहीं कर रही है। ऐसे लोगों को चिकित्सक कुछ दिन तक एंटीबायोटिक दवाएं न लेने की सलाह दे रहे हैं । जागरूकता की कमी से बहुत से लोग परेशान हैं। केस एक-
नगर के कटरा रोड के राकेश कुमार कोरोना काल में बहुत डरे थे। वह बताते हैं कि घर पर बुखार, सर्दी, सांस व एंटीबायोटिक दवाएं रख दीं थीं। अपने मन से उसे खा रहे थे। परिवार के लोगों को भी खिला रहे थे। अब मौसमी संक्रमण होने पर भी ठीक होने में 15 से 20 दिन लग जा रहे हैं। कोरोना काल के पहले ऐसी समस्या एक या दो गोली लेने से ही दूर हो जाती थी। केस दो-
गायघाट रोड के पवन वर्मा की समस्या भी ऐसी ही है। वह 10 दिन से बुखार से पीड़ित हैं। चिकित्सक को दिखाया, दवा ले रहे हैं, पर आराम नहीं हो रहा है। बुखार कब चढ़ जाए पता नहीं रहता। इन्होंने भी एक साल पहले हाईपावर की एंटीबायोटिक दवा का सेवन किया था। बुखार आने पर दो खुराक दवा से आराम तो उस वक्त हो गया था, पर अब ऐसा नहीं है।
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क्या कहते हैं चिकित्सक
राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. आरपी चौबे का कहना है कि लंबे समय तक व मामूली दिक्कत में एंटीबायोटिक दवाएं लेने से बचना चाहिए। हाईपावर दवा के अनुसार शरीर में मौजूद हानिकारक कीटाणु अपनी क्षमता को जब बढ़ा लेता है तो सामान्य दवाएं काम नहीं करतीं। साथ ही ऐसी दवाएं पेट को बिगाड़ देती हैं। कभी दर्द, कभी दस्त, कभी गैस की समस्या बनी रहती है। ऐसे में बेवजह दवाएं न खाएं। जब स्वास्थ्य खराब हो तो चिकित्सक की सलाह से ही दवाएं खाएं।