..फिर से जीवन का पहिया स्पीड पकड़ ले
पूरे विश्व में कोरोना का संकट है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का सबसे बुरा हाल है।
उड़ैयाडीह, प्रतापगढ़ : पूरे विश्व में कोरोना का संकट है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का सबसे बुरा हाल है। लॉकडाउन के चलते मुंबई में टैक्सी चलाने वाले लोगों का रोजगार पूरी तरह चौपट हो गया। ऐसे में पट्टी क्षेत्र के तमाम टैक्सी चलाने वाले देश की आर्थिक राजधानी से लौट आए हैं। यहां उन्हें कुछ भी सुझाई नहीं दे रहा कि वे क्या करें। वह चाहते हैं कि किसी तरह कोरोना का संकट समाप्त हो। उन्हें मुंबई जाने का फिर से मौका मिले और उनके जीवन का पहिया फिर से स्पीड पकड़ ले।
पट्टी कोतवाली क्षेत्र के दुखियापुर गांव के प्रदीप कुमार पांडेय पिछले पंद्रह सालों से मुंबई में टैक्सी चलाकर जीवन यापन कर रहे थे। दैनिक जागरण से बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते वहां का धंधा पूरी तरह बंद हो चुका था। एक माह पूर्व वे लोग गांव आ गए हैं। वहां की कमाई के बलबूते काफी कुछ किया। उन्हें नहीं लगता कि मुंबई के हालत जल्दी सुधरेंगे। ऐसे में यहां ही कुछ करेंगे, मगर अभी यहां भी कुछ करने की स्थिति नहीं है। परिवार के साथ गांव में हैं, जब समय अच्छा होगा तो फिर लौटकर मुंबई ही जाएंगे। वहीं इसी गांव के राकेश पांडेय दस वर्षों से मुंबई में टैक्सी चलाने का काम कर रहे थे। किसी तरह परिवार के साथ सुरक्षित लौटे टैक्सी चालक राकेश पांडेय सुकून महसूस कर रहे हैं। वह मुंबई की दास्तान बताते हैं तो उनकी आंखों में खौफ दिखने लगता है। कहते हैं, अपनी माटी में कौन नहीं रहना चाहता। जब संकट आया तो भागकर प्रतापगढ़ आ गए। रोजगार की बात करने पर उनका दर्द बाहर आ जाता है। कहते हैं कि अपने यहां रोजगार जमाने में वक्त लगेगा। उनका टैक्सी चलाने का धंधा है, जो मुंबई में चौबीस घंटे सदाबहार है। मुंबई की भी हालत काफी खराब है। वह क्या करें और क्या ना करें, अभी उन्हें कुछ सुझाई नहीं दे रहा।