16 करोड़ में बदलेगी एसटीपी और नालों की सूरत
शहर के प्रमुख नालों के जरिए गंदा पानी सई नदी में गिर रहा है। गंदा पानी नदी में न गिरे इसे लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही है। ऐसा इंतजाम किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रमुख नालों का पानी सीधे सीवरेज ट्रीट प्लांट में गिरे। यहां से शोधित नाले के पानी को सई नदी में गिराने की व्यवस्था हो। इस तरह के प्रयास से सई नदी के प्रदूषण मुक्त करने का रास्ता साफ हो सकेगा।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : शहर के प्रमुख नालों के जरिए गंदा पानी सई नदी में गिर रहा है। गंदा पानी नदी में न गिरे, इसे लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही है। ऐसा इंतजाम किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रमुख नालों का पानी सीधे सीवरेज ट्रीट प्लांट में गिरे। यहां से शोधित नाले के पानी को सई नदी में गिराने की व्यवस्था हो। इस तरह के प्रयास से सई नदी के प्रदूषण मुक्त करने का रास्ता साफ हो सकेगा।
शहर से गुजरी सई नदी के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। वर्ष 2012-13 में सात करोड़ 71 लाख रुपये खर्च करके प्लांट लगाया गया था। एसटीपी से सीवरेज पाइप लाइन को नहीं जोड़ा गया। इससे सीवरेज प्लांट नहीं चल सका। धीरे-धीरे करके करीब आठ साल में प्लांट के उपकरण खराब हो गए। शहर के दहिलामऊ उत्तरी वार्ड, पुलिस लाइन के बगल, सदर बाजार व रामलीला मैदान से होकर गुजरे नाले से गंदा पानी सई नदी में गिरता है। इससे सदी भी प्रदूषित हो गई है। जलनिगम 16 करोड़ 64 लाख रुपये खर्च प्लांट की मरम्मत कराएगा। इसके बाद इन चारों नालों को टैपिग करके यानि जलनिगम द्वारा बनाए गए बंधे में पानी गिराया जाएगा। उसे डायवर्ट करके सीधे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिराया जाएगा। इसके बाद प्लांट में गिरने वाला गंदा पानी साफ हो जाएगा। साफ पानी सई नदी में जाकर गिरेगा। इससे सई नदी में गंदा पानी गिरना बंद हो जाएगा।
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15 साल मेंटीनेंस का होगा अनुबंध
शासन ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत करने के लिए एक संस्था को 15 साल का अनुबंध देगा। संस्था को 15 करोड़ रुपये अनुबंध के तौर पर मिलेगा। इस पैसे से प्लांट की मरम्मत, खराब उपकरण के बदले जाने सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।
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बिजली का कनेक्शन भी होगा
बिजली की व्यवस्था न होने से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एक दिन भी नहीं चल सका। ऐसे में सबसे पहले प्लांट में बिजली का कनेक्शन लेने को भी कहा गया है। प्लांट लगने के दौरान जनरेटर से इसे चलाया गया था। बिजली का कनेक्शन होने से समस्या भी दूर हो जाएगी।
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शहर के प्रमुख चार नालों का पानी बंधे में रोका जाएगा। इसके बाद उसे डायवर्ट करके सीवरेज ट्रीट प्लांट में लाया जाएगा। प्लांट में गंदा पानी साफ होगा। इसके बाद साफ पानी सई नदी में गिरेगा। नालों की टैपिग करने व प्लांट की मरम्मत किए जाने आदि को लेकर प्रस्ताव शासन में भेजा गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
- घनश्याम द्विवेदी, एक्सईएन जलनिगम