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सिपाही मौत प्रकरण : तीसरे दिन तक एक कदम भी नहीं बढ़ सकी जांच

लालगंज कोतवाली में शुक्रवार को संदिग्ध दशा में गोली लगने से सिपाही आशुतोष यादव की हुई मौत के मामले में तीसरे दिन तक पुलिस की जांच एक कदम भी नहीं बढ़ सकी है। उधर सिपाही के स्वजनों ने भी घटना को साजिश बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 05:09 AM (IST)
सिपाही मौत प्रकरण : तीसरे दिन तक एक कदम भी नहीं बढ़ सकी जांच
सिपाही मौत प्रकरण : तीसरे दिन तक एक कदम भी नहीं बढ़ सकी जांच

लालगंज : लालगंज कोतवाली में शुक्रवार को संदिग्ध दशा में गोली लगने से सिपाही आशुतोष यादव की हुई मौत के मामले में तीसरे दिन तक पुलिस की जांच एक कदम भी नहीं बढ़ सकी है। उधर, सिपाही के स्वजनों ने भी घटना को साजिश बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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गाजीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के खरौना सिपाही आशुतोष यादव पुत्र अखिलेश यादव की संदिग्ध दशा में गोली लगने से शुक्रवार को मौत हो गई थी। बैरक के दूसरी मंजिल पर उनका खून से लथपथ शव मिला था। प्रथम ²ष्टया पुलिस अफसर सिपाही के एके-47 से गोली मारकर खुदकुशी करने की बात कह रहे हैं। घटना की जांच के लिए सीओ लालगंज की अगुवाई में टीम गठित की गई है। जांच टीम घटना के विभिन्न पहलुओं पर छानबीन कर रही है।

सीओ बैरक में रहने वाले अन्य सिपाहियों से पूछताछ कर घटना की वजह तलाश रहे हैं। रविवार को भी कोतवाली में यह चर्चा रही कि 10 दिन का अवकाश बिताकर घर से आने के हफ्ते भर बाद ही आखिर ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी कि आशुतोष को 26 सितंबर से अवकाश का प्रार्थना पत्र लिखना पड़ा। दबी जुबान से सिपाही यह चर्चा भी कर रहे थे कि आशुतोष दिन में करीब 11 बजे तक कोतवाली में ही थे। उन्होंने 11.12 बजे दीवान से एके-47 इश्यू कराया था। कोतवाली में रहने के बाद भी उन्होंने अवकाश का प्रार्थना पत्र कोतवाल को क्यों नहीं दिया। या प्रार्थना पत्र देने गया हो और छुट्टी न मिली हो। फिलहाल घटना को लेकर रविवार को कोतवाली में तरह तरह की चर्चा होती रही।

उधर, पोस्टमार्टम के बाद शव गाजीपुर ले जाने पर स्वजनों ने रास्ता जाम करके घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। आशुतोष के बैजनाथ यादव का कहना था कि आशुतोष आत्महत्या नहीं कर सकता है। उसके साथ हुई घटना में कोई साजिश की गई है।

सीओ लालगंज जगमोहन का कहना है कि कई बिदुओं पर घटना की बारीकी से जांच की जा रही है। अभी सिपाही की कॉल डिटेल मिल नहीं सकी है। कॉल डिटेल से ही यह पता चलेगा कि छुट्टी से लौटने के बाद सिपाही ने अपने किन-किन करीबियों से बातचीत की थी। सिपाही ने घटना के दिन ही 26 सितंबर से अवकाश का प्रार्थना पत्र क्यों लिखा था, इसकी भी जांच की जा रही है।

कॉल डिटेल पर टिकी हैं पूरी जांच

सिपाही आशुतोष यादव की मौत की घटना की जांच उनके मोबाइल के कॉल डिटेल पर टिकी है। आखिर बार फोन पर किससे बात हुई थी, यह कॉल डिटेल से ही पता चलेगा। सिपाही आशुतोष यादव हफ्ते भर पहले घर से छुट्टी से लौटकर आए थे। पिता अखिलेश ने बताया कि घर वालों से तीन दिन पहले आशुतोष ने फोन पर बात की थी। वह करीब दो महीने से तनाव में रहते थे। स्वजनों व साथियों के पूछने पर कुछ भी नहीं बताते थे। घटना से पहले आशुतोष की आखिरी बार किससे बात हुई थी, यह कॉल डिटेल से ही पता चलेगा। यानि सच्चाई जानने के लिए अब कॉल डिटेल ही सहारा है।

शादी की चल रही थी बात

आशुतोष के पिता अखिलेश यादव खेतिहर किसान हैं। तीन भाइयों में वह तीसरे स्थान पर थे। बड़े भाई वासुदेव घर पर ही रहते हैं। जबकि सबसे छोटा अमित ने इस साल इंटर की परीक्षा पास की है। ऐसे में घर के कमाऊ सदस्य आशुतोष ही थे। इन दिनों उनकी शादी की बात चल रही थी।

होनहार थे आशुतोष

आशुतोष बहुत होनहार थे। उनकी नियुक्ति जब सिपाही के पद पर हुई तो वह बीटीसी कर रहे थे। सिपाही की नौकरी मिलने के पहले उन्होंने सेना भर्ती में तीन बार दौड़ को पास किया था। उसे क्रिकेट खेलने का शौक था।

मौत की हो न्यायिक जांच : सपा

गोली लगने से सिपाही आशुतोष यादव की हुई मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग सपा के जिला महासचिव अनीस खान ने की है। उन्होंने कहा कि कोतवाली परिसर में एके-47 से गोली चल रही है और सिपाही आशुतोष यादव को सात घंटे बाद खोजा जा रहा है। यह घटना प्रथम दृष्टया संदिग्ध लग रही है। इसलिए इसकी न्यायिक जांच कराया जाना आवश्यक है। ताकि अन्य पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ सके और सिपाही आशुतोष यादव के परिवार वालों को घटना का सही कारण पता चल सके।


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