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मुहर्रम पर कुंडा में राजा उदय प्रताप सिंह महल में नजरबंद, पुलिस का सख्त पहरा;विरोध में दुकानें बंद

प्रतापगढ़ के कुंडा कोतवाली क्षेत्र के शेखपुर आशिक में मुहर्रम और भंडारा एक साथ करने को लेकर तनाव कायम है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 10:50 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 11:15 AM (IST)
मुहर्रम पर कुंडा में राजा उदय प्रताप सिंह महल में नजरबंद, पुलिस का सख्त पहरा;विरोध में दुकानें बंद
मुहर्रम पर कुंडा में राजा उदय प्रताप सिंह महल में नजरबंद, पुलिस का सख्त पहरा;विरोध में दुकानें बंद

प्रतापगढ़ (जेएनएन)। प्रतापगढ़ जिले को अक्सर सुर्खियों में रखने वाला कुंडा एक बार फिर चर्चा में है। यहां से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह मुहर्रम पर हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ ही भंडारा की जिद पर अड़े हैं। जिला प्रशासन ने उनको बेंती महल में रहने की सलाह दी है।

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प्रतापगढ़ के कुंडा कोतवाली क्षेत्र के शेखपुर आशिक में मुहर्रम और भंडारा एक साथ करने को लेकर तनाव कायम है। राजा उदय प्रताप सिंह के महल के बाहर पुलिस का सख्त पहरा है। भंडारा नहीं होने देने के विरोध में कुंडा बाजार की सभी दुकानें बंद हैं। बंदी के कारण वहां सन्नाटा पसरा है। शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम और हनुमान मंदिर स्थल स्थित भंडारा स्थल पर भी भारी पुलिस बल तैनात है। जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा कराने की अनुमति नहीं दी है। उनके महल में रहने के बाद भी अधिकारी पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हैं।

कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन हनुमान मंदिर पर भंडारा कराने करने की पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह को जिलाधिकारी ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सोमवार शाम को उन्हें उनकी भदरी कोठी में नजरबंद कर दिया गया। इसके अलावा शेखपुर में लगे केसरिया झंडों को हटाने की ताजियादारों की मांग के चलते सीओ ने भदरी कोठी पर नोटिस चस्पा कर दिया।

देर शाम प्रतापगढ़ के डीएम मार्कंडेय शाही व एसपी अभिषेक सिंह भदरी कोठी पहुंचे। वहां नजरबंद उदय प्रताप सिंह से डीएम ने मंदिर के पास अधिक झंडे लगाए जाने के बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष के लोगों ने भी तो झंडे अधिक लगाए हैं। इसको लेकर कहासुनी भी हुई। कुछ देर की कहासुनी के बाद डीएम ने उदय प्रताप से मौके पर चलने के लिए कहा है।

 

डीएम-एसपी उदय प्रताप सिंह के साथ शेखपुर आशिक गांव हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां डीएम ने ताजियादारों को भी बुला लिया। ताजियादारों के पहुंचते ही उदय प्रताप नाराज हो गए। डीएम ने झंडा सीमित करने के लिए औपचारिकता पूरी करने की बात कही तो उदय प्रताप उखड़ गए।

वह बोले कि न तो वह किसी कागज पर हस्ताक्षर करेंगे और न ही कोई उनका आदमी। प्रशासन उनके खिलाफ एक्शन ले, वह इस मुद्दे पर इससे अधिक बात नहीं करेंगे। इतना कहने के बाद वह कार में बैठकर भदरी कोठी चले गए। डीएम और एसपी कुंडा स्थित डाक बंगले पर पहुंचे। यहां पर डीआइजी कवींद्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए।

मुहर्रम के दिन हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ व भंडारा करने पर अड़े पूर्व मंत्री व बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भैया' के पिता उदय प्रताप सिंह को उनके भदरी महल में नजरबंद किया गया है। जिला प्रशासन ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। उदय प्रताप सिंह सोमवार शाम पांच बजे से मंगलवार रात दस बजे तक महल में नजरबंद रहेंगे। प्रशासन ने भंडारे की अनुमति नहीं दी है।

उदय प्रताप सिंह शेखपुर आशिक स्थित हनुमान मंदिर में बीते कई वर्ष मुहर्रम के दिन भंडारे का आयोजन करते हैं। इसी दिन मंदिर के रास्ते से होकर ताजिया का जुलूस निकलता है। इस दौरान दो समुदायों में टकराव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है। पिछले वर्ष भी उदय प्रताप सिंह इस बार भी भंडारा करने पर अड़े थे, लेकिन जिला प्रशासन ने उनके इस इस धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। इस बार भी वैसा ही है।

उल्लेखनीय है कि शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन उदय प्रताप सिंह प्रयागराज-लखनऊ हाईवे के किनारे स्थित हनुमान मंदिर पर भंडारा करते हैं। पिछले दो साल से प्रशासन ने भंडारे के आयोजन पर रोक लगा रखी है। इस बार भी उन्होंने नौ से 12 सितंबर तक हनुमान चालीसा का पाठ करने व 10 सितंबर को भंडारा करने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया। 30 अगस्त को उदय प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के आख्या मांगने पर डीएम ने यह रिपोर्ट भेजी कि मुहर्रम पर भंडारे के आयोजन की अनुमति देने से शांति व्यवस्था बिगडऩे का अंदेशा है, इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती है।

बंदर की मौत के बाद बनवाया गया था हनुमान मंदिर

शेखपुरा आशिक में कई साल पहले मोहर्रम के दिन एक बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद यहां हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया। मंदिर बनने के बाद उदय प्रताप सिंह यहां हनुमान चालीसा पाठ व भंडारे का आयोजन मोहर्रम के दिन करवाते हैं। साल 2015 में ताजिया का जुलूस मुहर्रम के तीन दिन बाद निकाला गया था। 2016 में प्रशासन की सूझबूझ व सतर्कता से भंडारा व मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हुआ था। 2017 व 2018 में दोनों समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बनती देख भंडारा रोका गया। 


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