साहब हमार पैसा निकलवाई दा, बाकी हम कुछ नाहीं जानित
वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक के एसबीआइ में विलय की हवा ने कई परिवारों की नींद उड़ा दी।
संवाद सूत्र, कुंडा : वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक के एसबीआइ में विलय की हवा ने कई परिवारों की नींद उड़ा दी। शुक्रवार को यस बैंक के सामने उपभोक्ताओं की लंबी लाइन लग गई। बैंक प्रशासन दिन भर उपभोक्ताओं को समझाने का प्रयास करता रहा मगर लोगों के अंदर का खौफ नहीं गया। सभी अपना पैसा बैंक से निकालने की होड़ में शामिल थे।
जिले में कुंडा तहसील में ही यस बैंक की शाखा है। कुंडा भगवन तिराहा स्थित यस बैंक में उपभोक्ताओं की भीड़ लगी रही। सभी यह जानने के लिए परेशान थे कि बैंक को क्यों एसबीआइ में विलय करने की चर्चा चल रही है। वहीं यस बैंक के कर्मी उपभोक्ताओं को यह समझाने का प्रयास कर रहे थे कि आरबीआइ ने बैंक के उपभोक्ताओं को तीन अप्रैल तक के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें यह है कि बैंक के उपभोक्ताओं को पचास हजार रुपये से ज्यादा भुगतान नहीं किया जा सकता। घबराए उपभोक्ताओं में से कई ग्रामीण परिवेश के थे, उनका कहना था कि साहब हमार पैसा निकलवाई दा, बाकी हम कुछ नाहीं जानित। उपभोक्ता नवीन केशरवानी का कहना है कि वह अभी तीन दिन पहले खाते में 40 हजार रुपये जमा किए थे। उन्हें जैसे ही इस बात की जानकारी हुई कि बैंक बंद होने वाला है,वह सीधे बैंक पहुंच गए। बैंक कर्मियों से जानकारी मिली कि यह समस्या तीन अप्रैल तक है। वहीं कुंडा निवासी वैभव केशरवानी भी घबराए हुए थे। उनका कहना था कि उन्होंने चार दिन पहले तीन लाख रुपये खाते में जमा किया। हालांकि बैंक कर्मियों द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया कि बैंक बंद नहीं होने वाली है। उपभोक्ता निखिल केशरवानी ने बताया कि वह चार दिन पहले एक लाख 60 हजार रुपये जमा किए हैं, जरूरत पड़ने पर वह शुक्रवार को बैंक पहुंचे। यहां पता चला कि पचास हजार रुपये से ज्यादा पैसा नहीं मिल सकता। इसी क्रम में बैंक के ग्राहक सचिन गुप्ता ने बताया कि उनका तो बैंक में खाता है, अभी दो दिन पूर्व बैंक में चालीस हजार रुपया जमा किए। यहां आने पर पता चला कि अभी पैसा नहीं मिलेगा। दिन भर उपभोक्ताओं के तमाम सवालों से बैंक कर्मी भी घबरा से गए थे। हालांकि शाम होने तक बैंक के उपभोक्ताओं में कुछ राहत देखी गई।