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राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए शिक्षक फरहीम का चयन

जिले के मानधाता क्षेत्र के खरवई गांव निवासी शमशुल कमर के पुत्र मो.फरहीम माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह के शिक्षक फरहीम ने अपना सारा जीवन स्कूली बच्चों के लिए समर्पित कर दिया। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सबसे पहले उन्होंने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। इतना ही नहीं उन्होंने गरीब बच्चों के मोबाइल को भी रिचार्ज कराया। इनके परिश्रम के बदौलत इनके स्कूल में 80 फीसद बच्चे कान्वेंट स्कूल छोड़कर प्रवेश लिए हैं। इसके साथ ही फरहीम को चार बार राज्य स्तरीय पुरस्कार व एक बार नेशनल अवार्ड मिल चुका है। स्पोर्ट नाट्य प्रतियोगिता आइसीटी एवं स्काउट में राज्य पुरस्कार मिल चुका है। तमिलनाडु में महिला सुरक्षा पर फरहीम को नेशनल अवार्ड मिला था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 06:03 AM (IST)
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए शिक्षक फरहीम का चयन
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए शिक्षक फरहीम का चयन

रमेश त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : जिले के परिषदीय स्कूलों के एक मात्र शिक्षक मोहम्मद फरहीम को इस बार राज्य पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इसकी जानकारी बुधवार देर शाम जब शासन के संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह द्वारा जारी किए गए पत्र से मिली तो फरहीम की खुशी का ठिकाना न रहा। वह खुशी से झूम उठे, बोले यह सम्मान उन्हें दैनिक जागरण की बदौलत मिल रहा है।

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जिले के मानधाता क्षेत्र के खरवई गांव निवासी शमशुल कमर के पुत्र मो.फरहीम माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह के शिक्षक फरहीम ने अपना सारा जीवन स्कूली बच्चों के लिए समर्पित कर दिया। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सबसे पहले उन्होंने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। इतना ही नहीं उन्होंने गरीब बच्चों के मोबाइल को भी रिचार्ज कराया। इनके परिश्रम के बदौलत इनके स्कूल में 80 फीसद बच्चे कान्वेंट स्कूल छोड़कर प्रवेश लिए हैं। इसके साथ ही फरहीम को चार बार राज्य स्तरीय पुरस्कार व एक बार नेशनल अवार्ड मिल चुका है। स्पोर्ट, नाट्य प्रतियोगिता, आइसीटी एवं स्काउट में राज्य पुरस्कार मिल चुका है। तमिलनाडु में महिला सुरक्षा पर फरहीम को नेशनल अवार्ड मिला था।

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साक्षात्कार में पहला सवाल, कोरोना काल में कैसे कराई पढ़ाई

राज्य पुरस्कार के लिए लखनऊ में 27 अगस्त को स्टेट कमेटी के समक्ष साक्षात्कार हुआ था। कमेटी के लोगों ने शिक्षक फरहीम से सबसे पहला सवाल किया कि कोरोना काल में वह ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करा रहे हैं, इस पर उन्होंने बताया कि वह गरीब बच्चों का मोबाइल रिचार्ज कराकर पढ़ाई करा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में दैनिक जागरण अखबार प्रकाशित खबर की कटिग भी दिखाई। कमेटी के लोगों ने उन्हें शबाशी दी। कमेटी के लोग उस समय प्रभावित हो गए, जब उन्होंने बताया कि उनके प्रयास से विद्यालय में अच्छी पढ़ाई को देख क्षेत्र के 80 फीसद बच्चे कान्वेंट छोड़कर उनके स्कूल में प्रवेश लिए हैं।

आइएएस और पीसीएस का साक्षात्कार भी दे चुके हैं : पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक की नौकरी करने वाले फरहीम डबल एमए, बीएड हैं। वह आइएएस व पीसीएस का साक्षात्कार भी दे चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। वह कहते हैं कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या नहीं बन पाए, बल्क असर इस बात का होना चाहिए कि आप जहां पर हैं, उस क्षेत्र में आप अपना कितना प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। अब वे अपने पढ़ाए हुए बच्चों को आइएएस बनाएंगे।

समय-समय पर जागरण ने कार्यों को दिया प्रोत्साहन : मॉडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह के शिक्षक मो. फरहीम द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को समय-समय पर जागरण उजागर करता रहा है। तभी तो राज्य अध्यापक पुरस्कार में नाम चयनित होने पर फरहीम ने जागरण को दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उन्हें जागरण की बदौलत ही मिली है। राज्य पुरस्कार में चयनित होने पर पत्नी समरेज बानों, बेटा मो. फरदीन व बेटी फातिमा ने फरहीम को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। फरहीम ने अपनी उपलब्धि का श्रेय दैनिक जागरण के साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को दिया है, जिनके मार्गदर्शन में वह कार्य कर रहे हैं। बीएसए ने भी इस पर खुशी जताते हुए कहा कि फरहीम से अन्य शिक्षकों को प्रेरणा लेनी चाहिए।

छह लोगों ने दिया था साक्षात्कार : राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए 27 अगस्त को लखनऊ में स्टेट कमेटी के सामने जिले के छह शिक्षकों ने साक्षात्कार दिया था, जिसमें मो. फरहीम के अलावा ममता त्रिपाठी, प्रीती मिश्रा, आशुतोष निर्मल, प्रतिभा पांडेय व आलोक कुमार सिंह रहे। इनमें से फरहीम के नाम का चयन राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए किया गया।


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